scriptगजवा-ए-हिंद और वाइस-ए-हिंद के बहाने युवाओं में घुसपैठ की कोशिश में आईएसआईएस : चेतनानंद सरस्वती | ISIS confuses youth with Gajwa-e-Hind and Vayas-e-Hind | Patrika News
मेरठ

गजवा-ए-हिंद और वाइस-ए-हिंद के बहाने युवाओं में घुसपैठ की कोशिश में आईएसआईएस : चेतनानंद सरस्वती

चेतनानंद सरस्वती बोले नौजवानों को देश के खिलाफ भड़काने की साजिशसीएए और एनआरसी के अलावा धारा 370 हटाने से बौखलाए कटटरपंथी

मेरठSep 03, 2020 / 01:43 pm

shivmani tyagi

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गजवा-ए-हिंद और वाइस-ए-हिंद के बहाने युवाओं में घुसपैठ की कोशिश में आईएसआईएस : चेतनानंद सरस्वती

मेरठ ( Meerut ) चंद कट्टरपंथियों के साथ मिलकर आईएसआईएस ( ISIS ) देश में अपनी पैठ बनाना चाहता है। गजवा-ए-हिंद और वाइस-ए-हिंद के माध्यम से मुस्लिम युवाओं और देश के अन्य दूसरे समाज के युवाओं को भड़काने की साजिश चल रही है। यह बात तीर्थ पुरोहित समाज की मां चेतनानंद सरस्वती ने कही है।
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मेरठ आई चेतनानंद सरस्वती ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि सीएए ( CAA ) और एनआरसी ( NRC ) के अलावा धारा 370 हटाने के बाद से कुछ कटटरपंथी बौखलाए हुए हैंं। ये लोग खुद तो कुछ कर नहीं सकते लेकिन इन्होंने अब आईएसआईएस का सहारा लेना शुरू कर दिया है। आईएसआईएस पहले से ही भारत के भीतर पैठ बनाने की कोशिश में है लेकिन उसको मौका नहीं मिल रहा है। इसी को लेकर गजवा-ए-हिंद और वाइस-ए-हिंद के माध्यम से आईएसआईएस अब पैठ बनाने की कोशिश में है। चेतनानंद ने कहा कि वाइ-ए-हिंद एक आनलाइन मैगजीन है जिसमें भारत के खिलाफ भड़काऊ पोस्ट के अलावा मुस्लिमों पर अत्याचार के आराेप लगाते हुए बढ़ा-चढाकर बताया जाता है। इस ऑनलाइन मैगजीन के जरिए आईएसआईएस सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि देश के अन्य संप्रदाय के युवाओं में भी अपनी पैठ बना रही है।

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भारत के मुस्लिम और गैर मुस्लिम युवाओं को कोरोना संक्रमित होकर लोगों के बीच घुसने की बात कही गई संक्रमण फैलाने की बात कही। जब आईएसआईएस एक शक्तिशाली जिहादी कथा प्रस्तुत करते हैं। तो ऐसे में हम देशवासियों का फर्ज बन जाता है कि हम एक सुसंगत में रहें और इनका जमकर मुकाबला करें। उन्हाेंने भारतीय उलेमाओं से आहवान किया है कि उलेमा एक बड़ी जिम्मेदारी समाज के भीतर निभाते हैं। ऐसे में उन्हें देश के युवाओं को भटकाव के रास्तेे से बचाने के लिए समझाना चाहिए। यदि उलेमा ऐसा करेंगे ताे आईएसआईएस अपने नापाक मंसूबोें में किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं हो पाएगी।

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