मेरठ

UP Assembly Election 2022 : गठबंधन प्रत्याशी के खिलाफ लामबंद जाट, अखिलेश यादव पर लगाए गंभीर आरोप

UP Assembly Election 2022 गठबंधन प्रत्याशियों की घोषणा कहीं सपा और रालोद को परेशानी में न डाल दे। प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अन्य जिलों से उठे बगावती सुर मेरठ तक पहुंचने लगे है। इस बार किसी दावेदार ने नहीं बल्कि जाट समाज ने गठबंधन प्रत्याशी के खिलाफ लामबंदी की है।

मेरठJan 19, 2022 / 11:02 am

Kamta Tripathi

UP Assembly Election 2022 : गठबंधन प्रत्याशी के खिलाफ लामबंद जाट समाज,अखिलेश यादव पर लगाए गंभीर आरोप

UP Assembly Election 2022 जिले में सपा रालोद गठबंधन ने अधिकांश सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। सिवाल खास सीट को सपा ने अपने पास रखा है। यहां से गुलाम मोहम्मद सपा के अधिकृत प्रत्याशी हैं और वे गठबंधन की ओर से चुनाव मैदान में हैं। लेकिन जिले में अब जाट समाज ने गठबंधन प्रत्याशियो के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मेरठ के कमिश्नरी चौराहे पर जाट समाज के सैकड़ों लोग राष्ट्रीय जाट महासंघ और जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष रोहित जाखड़ के नेतृत्व में एकत्र हुए। धरना प्रदर्शन कर जाट समाज ने निर्णय लिया कि अगर गठबंधन ने जाट समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया तो वे चुनाव में गठबंधन प्रत्याशी का बहिष्कार करेंगे।
गांव—गांव चौपाल लगाकर चलाएंगे अभियान
जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष रोहित जाखड़ ने कहा कि सपा के अखिलेश यादव ने जाट समाज का अपमान किया है। रालोद ने उनसे गठबंधन किया है लेकिन अपना सम्मान नहीं गिरवी रखा। अखिलेश यादव पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वे इस गठबंधन के माध्यम से जाटों का अपमान कर रहे हैं। जाट समाज इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि जब हम डेढ साल तक कृषि आंदोलन चलाकर सरकार को झुकाने की हिम्मत रखते हैं तो ये सपा को भी उसकी औकात बता देंगे। उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन ने प्रत्याशियों के चयन का फैसला वापस लेकर जाट समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया तो वे गांव—गांव जाकर चौपाल लगाएंगे और लोगों को नोटा का प्रयोग करने के लिए कहेंगे। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि जाट समाज अपना हक लेना अच्छी तरह से जानता है।
यह भी पढ़े : UP Assembly Election 2022 : सपा के 300 यूनिट बिजली मुफ्त योजना के पंजीकरण अभियान की शुरूआत यहां से

वहीं इस बारे में सपा के जिलाध्यक्ष राजपाल चौधरी ने बताया कि प्रत्याशी का चयन काफी सोचसमझ कर शीर्ष स्तर से किया गया है। किसी प्रकार की कोई नाराजगी किसी समुदाय में नहीं हैं। हम सब एक ही बिरादरी के हैं। अगर कुछ नाराजगी या गलतफहमी किसी के बीच है तो तो उसको दूर किया जाएगा। वहीं रालोद के वरिष्ठ नेता राजकुमार सांगवान का कहना है कि रालोद के साथ जाट समाज पूरी तरह से साथ खड़ा है। किसी प्रकार का मतभेद नहीं है। इस बार जाट समुदाय के साथ ही अन्य बिरादरी की वोटें भी रालोद और गठबंधन प्रत्याशी को मिलेगी।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.