ग्रहण और शनि अमावस्या के दौरान किए कुछ उपाय से दोनों ग्रह प्रसन्न हो जाए तो जीवन में सभी प्रकार की परेशानियों से निजात मिल सकती है। वेद—पुराणों के अनुसार चार प्रकार के सूतक माने गए हैं। जिनमें से एक ग्रहण का सूतक भी है। ग्रहण का सूतक को गंभीर परिणाम देने वाला बताया गया है। हालांकि ग्रहण को भी अशुभ माना जाता है। सूर्य और चंद्र के ग्रहण लगने से चर-अचर राशियों के अलावा सभी पर इसका सीधा असर होता है।
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28 नवंबर को खूब बजेगी शहनाई,मंडप से लेकर पार्क तक हुए बुक इस बार साल का अंतिम ग्रहण 4 दिसम्बर को लगने जा रहा है। सूर्य ग्रहण का असर सभी प्रकार की राशियों पर अशुभ परिणाम देता है। इसलिए सभी को इस समय सूर्य देव को प्रसन्न करने हेतु विशेष दान व पूजन करना चाहिए।
यह सूर्य ग्रहण शनि अमावस्या के दिन पड़ रहा है। शनि देव को सूर्य के पुत्र बताया गया हैं। शनि के प्रभाव से ग्रसित लोगों के लिए यह अमावस्या अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यदि दोनों ग्रहों को एक साथ प्रसन्न कर लिया जाए तो यह सर्वोत्तम होगा। इसीलिए, शनि और सूर्य दोनों हेतु दान करना आवश्यक है। जिससे पितरों को त्रप्ति मिलती है और हमारे सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।
इन चीजों का करें दान
शनि अमावस्या और ग्रहण के दौरान निम्न चीजों का दान करने से दोनों ही ग्रह प्रसन्न होंगे। इन दान में समृद्धि में वृद्धि के लिए अनाज,शत्रुओं का अंत के लिए काला तिल, विपत्ति से रक्षा के लिए छाता, पितरों से मुक्ति के लिए उडद की दाल, शनि के प्रभाव से मुक्ति के लिए सरसों का तेल दान करना चाहिए।