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लॉकडाउन के दौरान दौराला थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती की शादी दिल्ली के युवक से हुई थी। जैसे-तैसे करके यह शादी बहुत कम लोगों के बीच सादे समारोह में हुई थी। यह शादी सिर्फ 13 दिन ही चल पायी। मायके आयी नवविवाहिता ने अपने परिजनों को बताया कि उसका पति नपुंसक है। जब नवविवाहिता को लेने पति और सास-ससुर पहुंचे तो उसने साथ जाने से साफ मना कर दिया। दोनों पक्षों के बीच शादी में खर्च वापस करने पर सहमति बनी। खर्च वापस होने पर दोनों परिवारों के बीच संबंध भी खत्म हो गया। इसकी सूचना दौराला थाने को भी दी गई। यह भी पढ़ें
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लॉकडाउन में शादी का यह मामला मेरठ के दौराला क्षेत्र एक गांव का है। 19 जून को दौराला क्षेत्र निवासी एक युवती की शादी दिल्ली के अजीत नगर निवासी युवक से हुई थी। शादी के बाद महिला ससुराल से अपने मायके आ गई। इसके बाद उसका पति अपनी मां और पिता के साथ उसे लेने के लिए गांव में पहुंच गया। नव विवाहिता ने ससुराल में जाने से साफ इनकार कर दिया। महिला ने पति पर जो आरोप लगाए पति ने उसे स्वीकार कर लिए। इसके बाद से दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे पर आरोप लगाने शुरू किए।इसी गहमागहमी में पति ने भी विवाहिता से रिश्ता तोड़ लेने की बात कही। इस पर नवविवाहिता के मायके वालों ने पति, उसके माता-पिता को बंधक बना लिया और जुर्माने के तौर पर ससुराल पक्ष के लोगों को चार लाख रुपये देने को कहा। इसके बाद मायके वालों ने युवक और उसके पिता को वहीं रोक लिया, जबकि युवक की मां को रुपये लेने के लिए दिल्ली भेज दिया गया। शाम करीब छह बजे महिला रुपये दिल्ली में अपने घर से लेकर गांव पहुंच गई। इसके बाद दोनों ने सहमति पत्र दौराला थाने में देकर रिश्ता खत्म होने की जानकारी दी। यह शादी सिर्फ 13 दिन ही चली।