बसपा सुप्रीमो ने कहा कि मैं सहारनपुर की बात को यहां दोहराना नहीं चाहती थी, क्योंकि इस महारैली में इतनी भीड़ देखकर केंद्र व प्रदेश सरकार परेशान हो जाएगी। अगर हेलीकाॅप्टर से यहां आती तो परमिशन आदि की बात कहकर मुझे देरी करवार्इ जाती आैर मेरी देरी की वजह से मेरे कार्यकर्ता चले जाते आैर मैं यहां उनसे नहीं मिल पाती, इसलिए मैंने सड़क मार्ग से आना ही उचित समझा। दिल्ली से मेरठ ज्यादा दूर नहीं है आैर ज्यादा समय भी नहीं लगता। मैं इस साजिश को समझ गर्इ थी इसलिए मैं सड़क मार्ग से आयी।
अाप चिंतित लग रहे हैं
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि मेरे सड़क मार्ग से आने पर आप लोग चिंतित लग रहे हैं। एेसा कुछ नहीं है। कार्यकर्ता तो हेलीकाॅप्टर का खर्च उठाने तक के लिए तैयार थे, लेकिन मैं अपने कार्यकर्ताआें को निराश नहीं करना चाहती थी आैर समय पर यहां आना चाहती थी। समय पर आ गर्इ। हेलीकाॅप्टर से आने पर दिक्कत हो सकती थी।
गदगद, दिल से आभार
बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंच से अपने भाषण के अंत में कहा कि मेरठ, मुरादाबाद आैर सहारनपुर मंडल से आए सभी कार्यकर्ताआें को दिल से आभार है। यहां जितने कार्यकर्ता आए हैं, इसी तरह अपने क्षेत्र में जाकर अगले लोकसभा चुनाव के लिए लग जाआे, ताकि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार को हटाया जा सकें।
इस महासम्मेलन को स्थानीय नेता से लेकर बसपा सुप्रीमो ने सफल बनाने की कोशिश की। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद मायावती दोबारा पार्टी को खड़ा करना चाहती हैं। इस महासम्मेलन में मेरठ, मुरादाबाद आैर सहारनपुर मंडल से करीब डेढ़ से दो लाख लोगों के आए हैं आैर गांव-गांव आैर बूथ स्तर तक से कार्यकर्ता इसमें शामिल हुए। इसको लेकर जिला प्रशासन आैर पुलिस काफी गंभीर दिखी।