कैंट बोर्ड की इस कार्रवाई का डेयरी संचालकों ने हल्का विरोध किया और हंगामा किया। इस दौरान कैंट बोर्ड की टीम और पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों से डेयरी संचालकों की नोकझोंक भी हुई। पुलिस प्रशासन ने हंगामा कर रहे लोगों को मौके से भगा दिया। इसके बाद डेयरी संचालकों ने स्वयं ही अपनी अपनी भैसों को अपने वाहनों से बाहर भेजा शुरू किया। इसके बाद कई साल से बनी अवैध डेरियों को ध्वस्त कर दिया गया।
बता दें कि शहर से डेयरियों को बाहर निकालने की कार्रवाई को लेकर कोर्ट के आदेशा के बाद भी अधिकांश जगहों से डेरियां नहीं हटी हैं। डेयरी संचालकों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था। उस समय मेरठ महानगर की सीमा के भीतर करीब 400 डेयरी का संचालन हो रहा है। अकेले कैंट इलाके में ही दो सौ से अधिक डेरियां हैं। जिनको हटाने के पहले भी कोशिश की गई। लेकिन डेयरी संचालकों ने इसके लिए कुछ दिनों की मोहलत मांगी थी। मोहलत देने के बाद भी डेरिया नहीं हटाई गई तो आज कैंट बोर्ड ने सख्त रूख अपना लिया। आज पूरे अमले के साथ रजबन नाले के किनारे बनी डेरियों को नेस्तनाबूत कर दिया गया।
इस बारे में कैंट बोर्ड के सीईओ प्रसाद चव्हाण का कहना है कि क्षेत्र में अवैध डेरियों को खत्म किया जाएगा। किसी अवैध डेरी को यहां नहीं रहने दिया जाएगा। कोर्ट के आदेश का पूरा पालन किया जाएगा। इस दौरान कानूनकृव्यवस्था संभालने के लिए मौजूद एसीएम ने कहा कि वे कैंट बोर्ड के अभियान में सहयोग देने के लिए हैं। कहीं कोई विरोध न हो।