इनके मतलब का भी नहीं इस्माइल कालेज की प्रधानाचार्या कुसुम का कहना है कि बजट में वर्किंग वूमेन को तव्वजो नहीं दी देना अफसोसजनक है। आर्थिक व्यवस्था महिलाएं हमेशा योगदान देती आयी हैं चाहे वर्किंग हो या गृहणी।
ग्राम प्रधान विपिन चौधरी ने कहा कि सरकार सदैव किसानों से वादे ही करती आ रही है, इन पर धरातल पर भी
काम करना होगा। तभी किसानों के लिए अच्छा होगा। सांसदों के लिए जो भत्ता बढ़ाया गया है, इसकी जरूरत नहीं थी।
रालोद नेता इंद्रपाल का कहना है कि जब से नोटबंदी व जीएसटी हुर्इ है, उसके बाद से किसान को बहुत नुकसान हुआ है। जीएसटी लगने से किसान के साथ-साथ आम आदमी भी परेशान है।