
Navratri 2018: मेरठ के इस मंदिर में मां के दर्शन मात्र से पूरी होती मनोकामना
मेरठ। इस मंदिर के चारों ओर कभी घने जंगल और आम का बाग हुआ करता था। आम के बाग के बीच स्थित यह छोटा सा ईंट और मिट्टी से बना कच्चा मंदिर हुआ करता था। इस मंदिर में दूर-दूर से देवी मां के भक्त दर्शन के लिए आते थे और साल में दो बार यानी दोनों नवरात्र को यहां पर मेले का आयोजन होता था। मेरठ के शास्त्री नगर के पास जयदेवी नगर स्थित गोल मंदिर में स्थापित मां के अदभुत स्वरूप की ममतामयी मूर्ति आकर्षण का केंद्र है। मंदिर की स्थापना फिल्म जगत के जाने-माने प्रोड्यूसर स्व. देवीशरण शर्मा ने 70 साल पहले की थी। आसपास के लोग बताते हैं कि देवी की मूर्ति इससे पहले से इस स्थान पर स्थापित है। देवीशरण शर्मा ने तो इस मंदिर को आधुनिक रूप प्रदान किया। आज मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है।
महाराज ने कराई प्राण प्रतिष्ठा
फिल्म निर्माता व निर्देशक स्व. देवीशरण शर्मा के परिवार इस मंदिर की देखरेख करता है। इस भव्य मंदिर में नवरात्र में काफी लंबी लाइन लगती है। मैनेजिंग ट्रस्टी राजीव गौड़ के अनुसार जगतगुरु श्रीकृष्ण बोध आश्रम जी महाराज ने सन 1965 में इस मंदिर में देवी मां की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कराई थी।
प्रतिदिन होता है अलग-अलग स्वरूप
मंदिर में स्थापित देवी मां के नौरूपों के नवरात्र में प्रतिदिन अलग-अलग स्वरूप होते हैं। मंदिर में मां देवी के श्रृंगार की अपनी महिमा है। नवरात्र में माता के हर रूप का अलग श्रृंगार होता है। अन्य दिनों में भी विशेषज्ञ श्रृंगार करते हैं।
सवा सौ फुट की ऊंचाई और लोट्स शेप
मंदिर का आकर्षण दूर से देखते ही बनता है। मंदिर की ऊंचाई करीब सवा सौ फुट की है। मंदिर को कमल की आकृति प्रदान की गई है। इसके पीछे मान्यता है कि देवी मां को कमल का फूल अधिक प्रिय है। इसलिए मंदिर की बनावट कमल के फूल जैसी रखी गई है। मंदिर का डोम 70 फुट है।
40 दिन दीपक जलाने से मान्यता होती पूरी
मंदिर के आसपास रहने वाले और देवी भक्तों की मानें तो यहां पर चालीस दिन मन से दीपक जलाने पर अभीष्ठ इच्छाओं की पूर्ति होती है। इसके अलावा जो भक्त मां का श्रृंगार करवाता है व चोला भेंट करता है उस पर मां की विशेष कृपा होती है। दीपक जलाकर सच्चे मन से प्रार्थना करने पर मां की कृपा जरूर बरसती है।
Published on:
10 Oct 2018 05:38 pm
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