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पुलिस कस्टडी से कुख्यात बद्दो की फरारी में स्कूल का चेयरमैन गिरफ्तार, अभी हो सकते हैं कर्इ बड़े खुलासे माकूल था 28 मार्च का दिन पुलिस कस्टडी से भगाने की योजना करीब छह माह पहले बन चुकी थी। इंतजार था तो माकूल जगह और सही वक्त का। आखिरकार कस्टडी से भागने की तिथि 28 मार्च निर्धारित कर दी गई। बदन सिंह ने फरारी का दिन 28 मार्च तय किया। इसका एक कारण यह भी था कि उस दिन मेरठ में प्रधानमंत्री की रैली थी। जिले का पूरा पुलिस फोर्स रैली में व्यस्त होने के कारण थाने से लेकर चौराहे तक में खाकी अनुपस्थित थी। मोदी की जनसभा के दौरान फोर्स के लगे होेने का फायदा बदन सिंह बद्दो ने उठाया और फरार हो गया। बद्दो को फरार कराने में किस व्यक्ति की क्या भूमिका रहेगी, यह तय करने के लिए फरार होने से दो दिन पहले होटल मुकुट महल के मालिक के घर आरोपितों की बैठक हुई। इसी बैठक में बद्दो को पुलिस कस्टडी से भगाने का पूरा प्लान बनाया गया था। पुलिस ने केस डायरी में यह राजफाश किया है।
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इस मुस्लिम नेता ने कहा- अगर नरेंद्र मोदी जीते तो पाकिस्तान में फूटेंगे जश्न के पटाखे, मतदान को लेकर की ये अपील ये था पूरा मामला पश्चिम उप्र का कुख्यात मेरठ के पंजाबीपुरा निवासी बदन सिंह बद्दो फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद था। बीती 28 मार्च को गाजियाबाद कोर्ट में पेशी के बाद वह पुलिसकर्मियों से साठगांठ कर मेरठ के होटल मुकुट महल पहुंचा और पुलिसकर्मियों को शराब पार्टी में लगाकर फरार हो गया। उस पर एसएसपी नितिन तिवारी ने ढाई लाख का इनाम घोषित किया है, लेकिन वह अभी तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है। बद्दो को फरार करने के आरोप में फतेहगढ़ पुलिस के छह पुलिसकर्मी तथा बद्दो के दो सहयोगी जेल में हैं। मुकदमे में नामजद बद्दो का बेटा सिकंदर, ट्रांसपोर्टर डिपिन सूरी, व्यापारी नेता लल्लू मक्कड़, व्यापारी सोनू सहगल, होटल मुकुट महल के मालिक मुकेश गुप्ता, व्यापारी अनिल छाबड़ा उर्फ जिम्मी, पपीत बढ़ला तथा सहयोगी शिशुपाल पर भी 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित हुआ था।
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