scriptMeerut 10 May 1857 Revolution : नगरवधुओं ने भड़काई थी काली पल्टन सैनिकों के दिल में क्रांति की आग | On May 10, 1857, the Kali Paltan soldiers revolted in Meerut | Patrika News
मेरठ

Meerut 10 May 1857 Revolution : नगरवधुओं ने भड़काई थी काली पल्टन सैनिकों के दिल में क्रांति की आग

Meerut 10 May 1857 Revolution 10 मई 1857 की क्रांति को देश ही नहीं विश्व के इतिहास में भी प्रमुखता के साथ दर्ज किया गया है। यहीं वह दिन था जिसने भारत को अंग्रेजी दासता से मुक्त कराने की नींव रख दी थी। मेरठ में काली पल्टन के दिन में क्रांति की आग सुलगाने का काम मेरठ के कबाड़ी बाजार की नगरवधुओं ने किया था। काली पल्टन के सैनिक मेरठ के कबाड़ी बाजार में नगरवधुओं के पास नाच गाना सुनने के लिए जाते थे।

मेरठMay 09, 2022 / 08:16 pm

Kamta Tripathi

Meerut 10 May 1857 Revolution : नगरवधुओं ने भड़काई थी काली पल्टन सैनिकों के दिल में क्रांति की आग

Meerut 10 May 1857 Revolution : नगरवधुओं ने भड़काई थी काली पल्टन सैनिकों के दिल में क्रांति की आग

Meerut 10 May 1857 Revolution 1857 की क्रांति में मेरठ की नगरवधुओं का भी बहुत अहम योगदान था। कहा जाता हैं कि नगरवधुओं ने ही काली पल्टन सैनिकों के भीतर क्रांति की आग को भड़काने का काम किया था। जिसके बाद 10 मई को सुबह 1857 में काली पल्टन के सैनिकों ने अंग्रेजी अधिकारियों पर हमला बोल दिया था। मेरठ छावनी में भारतीय सेना की एक बटालियन थी। जिसे अंग्रेजों सेन्य अधिकारियों ने काली पलटन का नाम दिया था।
अंग्रेजों की इस काली पलटन में भारतीय सैनिक ही भरे हुए थे। काली पलटन के सैनिक कबाड़ी बाजार स्थित नगरवधुओं (वेश्याओं) के कोठे पर जाते थे और वहां पर नाच गाना सुना करते थे। मेरठ कालेज के इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉ. विघ्नेश त्यागी बताते हैं कि 7 मई 1857 को जब काली पलटन के भारतीय सैनिक नगर वधुओं के पास पहुंचे तो नगरवधुओं ने उनके सामने नाचने और दिल बहलाने से मना कर दिया। भारतीय सैनिकों के जमीर को नगर वधुओं ने झकझोंरते हुए कहा कि ‘लाओ अपने हथियार हमें दो। सिपाहियों को जेल से हम आजाद करा लेंगीं। तुम हमारी चूड़ियां पहनकर यही बैठो।’ नगर वधुओं का यह कटाक्ष कोठों पर पहुंचे काली पलटन के सैनिकों को इस कदर चुभ गए कि उन्होंने जेल में बंद अपने सैनिक को छुटाने लेने की शपथ ली।

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बता दें कि भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम को इस वर्ष 165 साल पूरे हो रहे हैं। इतने साल गुजरने के बाद आजादी की उस पहली लड़ाई को न तो देश भूल पाया है और न इसका इतिहास। मेरठ क्रांति के उद्गम स्थल पर क्रांति के पदचिह्न् तो अपनी अमिट पहचान के साथ ही हैं। नगर वधुओं का नाम भी क्रांति से जुड़ा हुआ है। काली पलटन सैनिकों में क्रांति चिंगारी भड़काने का श्रेय मेरठ में रहने वाली नगर वधुओं को भी जाता है।
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