बताया जाता है कि गंगानगर थाना क्षेत्र के ऊलदेपुर गांव में बुधवार शाम को कांवड़ यात्रा देखने को लेकर ठाकुर और दलित समाज के लोगों में मामूली कहा सुनी के बाद संघर्ष हो गया था। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत करा दिया था, लेकिन लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। इसके बाद गुरुवार की सुबह फिर से दोनों पक्षों के लोगों में खूनी संघर्ष हो गया। आरोप है कि इस दौरान ठाकुर समाज के लोगों ने दलित समाज के लोगों की पिटाई कर दी थी, जिसको लेकर दोनों समुदायों में बवाल हो गया।
बता दें कि तनाव को देखते हुए मौके पर करीब 8 थानों की पुलिस फोर्स तैनात की गई है। इसके अलावा आरपीएफ को भी बुला लिया गया है। युवक की मौत के बाद दलित समाज के लोगों ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर गांव के मुख्य चौराहे पर शव रखकर जाम लगा दिया। मामले को शांत करने के लिए पुलिस ने ठाकुर समाज के चार और दलित समाज के तान लोगों को हिरासत में ले लिया है। जानकारी के मुताबिक दलित समाज के तीन युवक बुधवार रात कांवड़ देखने मोदीपुरम गए थे। इसी दौरान रास्ते में गांव के ही ठाकुर समाज के युवकों के साथ उनकी मारपीट हो गई। इस घटना के बाद देर रात गांव में तनाव फैल गया, हालांकि कुछ लोगों और पुलिस की दखल के बाद मामला शांत हो गया था। लेकिन, सुबह होते ही मामला फिर भड़क गया। इस घटना से गुस्साए दलित समाज के लोग ठाकुरों की बस्ती में पहुंच गए। इस दौरान कृष्ण चौहान के घर के बाहर दोनों समुदायों के लोगों के बीच जमकर संघर्ष हुआ। करीब 20 मिनट तक लाठी-डंडे और धारदार हथियार चले, जिसमें एक युवक की मौत हो गई। गौरतलब है कि ऊलदेपुर गांव में ठाकुर और दलित समाज के लोगों के बीच करीब तीन साल से जातीय विवाद चला आ रहा है। दोनों बिरादरी में संघर्ष की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती है।
इसके अलावा सरधना के कसार गांव में भी ठाकुर और दलित समाज के लोगों में बुधवार को हुए संघर्ष के बाद गुरुवार को भी तनाव की स्थिति रही। तनाव को देखते हुए पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी सुबह से ही कसार गांव में मौजूद हैं।