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40 फीसदी ब्याज का लालच देकर अरबों की हेराफेरी करने वाले एनी बुलियन कंपनी के मालिक ढ़ाई करोड़ की संपत्ति कुर्क अधिवक्ता गजेंंद्र धामा ने बताया कि केंद्र सरकार सार्वजनिक जुआ अधिनियम को खत्म करने की तैयारी में है। केंद्र ने अब राज्यों को जुआ अधिनियम बनाने का अधिकार दिया है। इसी के तहत प्रदेश की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उप्र सार्वजनिक जुआ निवारण विधेयक का प्रारूप तैयार किया है। वर्तमान में सार्वजनिक स्थान पर जुआ खेलते पकड़े जाने पर तीन माह की सजा व 50 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। आयोग ने इसे बढ़ाकर एक साल तक की सजा व पांच हजार रुपये जुर्माना किए जाने की संस्तुति की है। साथ ही आयोग ने ऑनलाइन गैंबलिंग, जुआ घर के संचालन व सट्टे को गैरजमानती अपराध बनाते हुए तीन साल तक की सजा तथा कोर्ट जो चाहे वह जुर्माना राशि तय करने की संस्तुति की है। यह भी पढ़ें
बुजुर्ग से मारपीट और दाढ़ी काटने के मामले में राहुल के ट्वीट पर सीएम योगी का पलटवार, ओवैसी ने की ये मांग पुलिस को मिला अधिकार गजेंद्र धामा ने बताया कि अब पुलिस को क्रिकेट मैच से लेकर अन्य खेलों में करोड़ों रुपये का सट्टा खिलवाने वालों पर कानूनी शिकंजा कसने के लिए आइपीसी की धाराओं का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। आयोग ने अपनी सिफारिश में यह प्रस्ताव किया है कि यदि कहीं जुआ घर या किसी परिसर में सट्टे का संचालन हो रहा होगा, तो यह माना जाएगा कि वहां बरामद रकम जुआ से संबंधित ही है और वहां मौजूद सभी लोग जुआ खेल रहे थे।