474 साल बाद पहले जब धनिष्ठा नक्षत्र में रक्षा बंधन मनाया गया था उस समय भी सूर्य, मंगल व बुध एक ही राशि में थे। उस समय शुक्र बुध के स्वामित्व वाली राशि मिथुन में थे जबकि इस साल शुक्र बुध के स्वामित्व की कन्या राशि में हैं। ऐसे में मेष, कर्क, तुला, मकर और कुंभ राशि के जातकों को अधिक लाभ होने का संभावना बनेगी। रक्षा बंधन पर ग्रहों का ऐसा मिलन सभी राशियों पर प्रभाव डालेगा।
दिनभर रहेगा रक्षाा बंधन ( Raksha Bandhan )
( bhadra time on rakhi 2021 ) रक्षा बंधन पर भद्रा काल और राहुकाल का विशेष महत्व है। इन दोनों ही काल में राखी नहीं बांधी जाती। इसकी वजह यह है कि इन काल में शुभ कार्य नहीं होते। इस बार भद्रा का साया राखी पर नहीं है। भद्रा काल 23 अगस्त 2021 की सुबह 05 बजकर 34 मिनट से 06 बजकर 12 मिनट तक ही रहेगा। 22 अगस्त दिन भद्रा काल नहीं है। ऐसे में बहने दिनभर किसी भी समय भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकेंगी।
( bhadra time on rakhi 2021 ) रक्षा बंधन पर भद्रा काल और राहुकाल का विशेष महत्व है। इन दोनों ही काल में राखी नहीं बांधी जाती। इसकी वजह यह है कि इन काल में शुभ कार्य नहीं होते। इस बार भद्रा का साया राखी पर नहीं है। भद्रा काल 23 अगस्त 2021 की सुबह 05 बजकर 34 मिनट से 06 बजकर 12 मिनट तक ही रहेगा। 22 अगस्त दिन भद्रा काल नहीं है। ऐसे में बहने दिनभर किसी भी समय भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकेंगी।
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जानिए शुभ मुहूर्त ( shubh muhurat raksha bandhan 2021 ) पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त की शाम 3 बजकर 45 मिनट से शुरु हो जाएगीपूर्णिमा तिथि 22 अगस्त की शाम 05 बजकर 58 मिनट पर खत्म हाे जाएगी
सुबह 05 बजकर 50 मिनट से शाम 06 बजकर 03 मिनट तक शुभ मुर्हूर्त है
रक्षाबंधन की समयावधि इस बार 12 घंटे और 11 मिनट रहेगी।
राखी बांधने के लिए दोपहर एक बजकर 44 मिनट से 04 बजकर 23 मिनट तक शुभ है।
अभिजीत मुहूर्त इस बार दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक रहेगा।
अमृत काल भी इस बार सुबह 09:34 बजे से 11:07 बजे तक है।
ब्रह्म मुहूर्त इस बार सुबह 4 बजकर 33 से 05:21 बजे तक है।
भद्रा काल इस बार 23 अगस्त की सुबह 5 बजकर 34 मिनट से 06 बजकर 12 बजे तक है।
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