यह भी पढ़ें- नाेएडा में बॉल पेन बनाने वाली कंपनी में लगी भीषण आग, गार्ड की जलकर मौत रेस्टोरेंट और होटल संचालक कई बार डीएम और एसएसपी से होटलों को खोलने की मांग कर चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों ने इसकी कोई अनुमति नहीं दी। जबकि हुक्का बार के मालिक का दुस्साहस देखिए कि वह बिना अनुमति के कैफे की आड़ में अय्याशी का अड्डा चलाए हुए था। वह भी उस महामारी के समय में जिसमें जानलेवा बीमारी लगने का खतरा सर्वाधिक है। इस पूरे मामले में जब मेरठ पुलिस की फजीहत हुई तो अपनी गर्दन बचाने के लिए शास्त्री नगर में हुक्का बार डगआउट के मालिक और मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को बिना पूछताछ के सीधे जेल भेज दिया। नौचंदी थाना पुलिस ने डगआउट के मालिक सुमित चौधरी पुत्र राजवीर निवासी गांव छाबड़िया सरधना और मैनेजर अविनाश पुत्र मनोज कुमार निवासी शिव शक्ति विहार भावनपुर को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में सीओ सिविल लाइन संजीव देशवाल भी थाना पुलिस का बचाव करते नजर आए। उन्होंने कहा कि डगआउट मालिक और मैनेजर को थाना नौचंदी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनको जेल भेजा जा चुका है।
ये था पूरा मामला गढ़ रोड स्थित शास्त्री नगर में डगआउट हुक्का बार बिना किसी अधिकारी की अनुमति के चल रहा था। इसमें नाबालिग लड़कियां और लड़कों का आना जाना होता था। ये लोग हुक्का पीने के नाम पर अयाशी करते थे। गत शुक्रवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो मेरठ पुलिस के कान खड़े हुए। थाना पुलिस ने अपनी गर्दन बचाते हुए कैफे में छापा तो मारा लेकिन किसी को गिरफ्तार नहीं किया। अलबत्ता छापेमारी के दौरान कैफे के भीतर रहे युवक और युवतियां निेकल गए। इस मामले में पुलिस की किरकिरी हुई तो वह डगआउट में ताला लगाकर आ गई।
डगआउट में अक्सर लड़के लड़कियां आते थे और वहां नशा करते थे। अधिकांश लड़के व लड़कियां नाबालिग बताए गए हैं। यह हुक्का बार पुलिस की साठगांठ से चल रहा था। डगआउट की शिकायत पुलिस के पास पहुंची थी, जिस पर पुलिस ने महज खानापूर्ति की। एडीजी और आईजी के संज्ञान में आते ही मामले में हुई कार्रवाई। आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि मेरठ में कैफे संचालन का एक मामला सामने आया है, जिस पर सख्त कार्रवाई करते हुए संचालक को गिरफ्तार किया गया। इसकी जांच के सीओ स्तर के अधिकारी कर रहे हैं।