दरअसल, विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति वर्ष 2021-22 से प्रस्तावित है। इसे कैसे लागू किया जाना है। उसका मसौदा तैयार हो रहा है। नवंबर तक इसे शासन को भेज दिया जाएगा। अभी तक तो मसौदा तैयार किया गया है। उसमें स्नातक प्रथम वर्ष में मुख्य, सामान्य, वोकेशनल कोर्स के अलावा छात्रों को को-करकुलम कोर्स को भी पढऩा होगा। तीन साल में को करकुलम में छह विषय शामिल किए गए हैं। इसमें स्नातक प्रथम वर्ष में पहले सेमेस्टर में छात्रों को खेलकूद में अनिवार्य रूप से हिस्सा लेना होगा। यह पूरी तरह से गतिविधि आधारित होगा। दूसरे सेमेस्टर में छात्र अपनी रुचि के अनुसार किसी भी कला में प्रतिभाग करेंगे। तीसरे सेमेस्टर में छात्रों को सामाजिक सरोकार से जुडऩा होगा।
चौथे सेमेस्टर में डिजिटल अवेयरनेस के तहत छात्रों को टाइपिंग, कंप्यूटर आदि की जानकारी दी जाएगी। पांचवें सेमेस्टर में छात्र संवाद कौशल सीखेंगे। छठे सेमेस्टर में व्यक्तित्व विकास और नेत़त्व क्षमता से संबंधित कोर्स करेंगे। कमेटी के सदस्य प्रो. हरेकृष्ण के मुताबिक हर सेमेस्टर में एक कोर्स को- करकुलम को लेना होगा। इसमें दो क्रेडिट मिलेंगे। छह कोर्स को तीन साल में छात्रों को पूरा करना होगा।