फलावदा थाने के एक सिपाही पर उसके थाने से चंद कदम की दूरी पर एक ट्रैक्टर ट्राली चालक ने दर्जनभर साथियों के साथ मिलकर हमला बोल दिया। सिपाही की जमकर मारपीट की गई। थाने पहुंचने के बाद सिपाही ने मामले की जानकारी दी, जिसके बाद थाने में हड़कंप मच गया। थाने की बदनामी न हो, इसलिए पुलिस ने सीमा विवाद का बहाना बनाकर सिपाही को टरका दिया।
जानकारी के अनुसार फलावदा थाने में मंसूर अहमद पुत्र अहसान निवासी बढसू थाना रतनपुरी कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर तैनात हैं। बताया गया है कि शुक्रवार की सुबह मंसूर अपने साथी नौशाद पुत्र अली मोहम्मद के साथ बाइक पर सवार होकर अपने घर से थाने आ रहा था। थाने से चंद कदम की दूरी पर फलावदा कांटे के पास पहुंचते ही एक ट्रैक्टर ट्रॉली चालक ने अचानक ब्रेक मार दिए, जिसमें वह दोनों बाल-बाल बच गए। उन्होंने चालक से देखकर चलाने को कहा तो उसने गाली गलोज कर दी। सिपाही भी सामने अपना थाना देखकर रौब में आ गया और उसने वर्दी की हनक में चालक को दो हाथ रसीद कर दिए। फिर क्या था, चालक ने आव देखा न ताव और पिल पड़ा सिपाही के उपर।
फोन करके बुलाए हमलावर
आरोप है कि चालक ने फोन कर अपने साथियों को बुला लिया। वहां पहुंचे एक दर्जन युवकों ने सिपाही और उसके साथी के साथ जमकर मारपीट की। युवकों ने इस दौरान सिपाही का परिचय पत्र फाड़ दिया। सिपाही के शोर मचाने पर थाने से मौके पर पहुंचे साथी सिपाही को देखकर आरोपी युवक भाग निकले।
सूचना पर थाने में मचा हड़कंप
थाने पहुंचने के बाद सिपाही ने पूरा मामला थाना में अपने साथी पुलिसकर्मियों के बताया, जिसके बाद थाने में हड़कंप मच गया। थाना पुलिस ने सीमा विवाद का बहाना बनाकर सिपाही की रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया, जबकि घटना स्थल थाने से चंद कदम की दूरी पर ही था। इस संबंध में जब एसपी देहात राजेश कुमार से बात की गई तो उनका कहना था कि मामले की जानकारी नहीं है।