चिकित्सकों ने मौसम के उतार-चढ़ाव को हल्के में न लेने की सलाह दी है। यह सेहत के लिए भारी पड़ सकता है। उतार-चढ़ाव भरे मौसम में बीमारियां तेजी से पनपती हैं। ऐसे में खुद को बचाए रखने के लिए विशेष सतर्कता जरूरी है। इस बार मौसम की चाल समझ से परे है। कभी तेज धूप हो जाती है, तो कभी आसमान बादलों से घिर जाता है। बीच-बीच में बारिश भी हो रही है, जिसके चलते मौसम नम हो जाता है। दूसरे ही दिन फिर तेज धूप कड़कने लगती है।
पिछले कुछ दिनों से मौसम में आए अचानक बदलाव से वायरल बीमारियों के बढ़ने की आशंका बढ़ गई है। तापमान में आई गिरावट बारिश, धूप, उमस के होने से लोगों की सेहत बिगड़ रही है। मौसम में अचानक आ रहे इस बदलाव का सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर पड़ रहा है।
शिशु रोग विशेषज्ञों के पास पहुंच रहे प्रतिदिन सैकड़ों बच्चे शिशु रोग विशेषज्ञों के पास सैकड़ों की संख्या में परिजन अपने बच्चों को उपचार कराने पहुंच रहे हैं। जिनमें अधिकांश बच्चों की सेहत बिगड़ने का कारण बदलते मौसम को बताया जा रहा है। बदलते मौसम में संक्रमण तेजी से फैलता है और बैक्टीरिया आदि जीवाणु और रोगाणु के पनपने की क्षमता भी अधिक हो जाती है। इसका मुख्य कारण है वातावरण और जलवायु में बदलाव। सर्दी,जुकाम व वायरल जैसे रोग आसानी से शरीर को घेर लेते हैं। डाक्टरों के अनुसार उतार-चढ़ाव भरे मौसम में हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी क्षीण हो जाती है।
रखना है सेहत को दुरूस्त तो बदल लीजिए ये आदतें डा.अखिलेश शर्मा कहते हैं कि ऐसे मौसम में ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक्स और एसी की आदतों को जो लोग नहीं छोड़ पाते, वे सर्दी-जुकाम की गिरफ्त में आ जाते हैं। अकसर देखने में आता है कि हम तेज धूप से आते हैं और एसी, कूलर या पंखे के सामने बैठ जाते हैं या बाहर से आकर फ्रिज का ठंडा पानी पी लेते हैं। इससे सर्द-गर्म होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा करने से बचें। किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए हाथों को साबुन से धोएं।
ये करें तो होगा सेहत का बचाव डा.अखिलेश कहते हैं कि मौसम में बदलाव आने पर रात को सोते वक्त नमक युक्त गुनगुने पानी से गरारे और भाप लेने की आदत डालें। आती हुई सर्दी में कभी सर्दी है, तो कभी गर्मी ऐसी स्थिति में हम सभी अपनी हैल्थ के प्रति लापरवाह हो जाते हैं, तो ऐसे बदलते मौसम में आप अपनी सेहत को लेकर थोड़ा सचेत रहें। क्योंकि इस मौसम में बुखार और संक्रमण काफी तेजी से फैलता है, इसलिए अच्छा है कि अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आप पहले से ही सावधानियां बरतें।