दरअसल
नोएडा (
noida ) ,
गाजियाबाद (
Ghaziabad ) , हापुड़ (
Hapur ) समेत कई जिलों में दो दिनों से
मानसून पहुंच चुका है और काले-काले बादलों के बीच कई जगह बारिश भी हो रहा है। वहीं
मेरठ ,
मुजफ्फरनगर समेत खई जिले ऐसे हैं जहां अभी लोगों को इंतजार करना पड़ेगा। मेरठ में सरदार वल्लभ भाई पंत कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी रविदंर सेंगर के मुताबिक वेस्ट यूपी में मानसून पहुंच चुका है, लेकिन वेस्ट यूपी के मेरठ (
Meerut ) , बागपत (
Bagpat ) , मुजफ्फरनगर (
Muzaffarnagar ) ,
बिजनौर (
Bijnor ) में फिलहाल 48 घंटे तक बारिश की संभावना नहीं है। हालाकि आसमान में काले बादल छाए रहेंगे लेकिन इन बादलों के बरसने में अभी देरी है। उन्होंने बताया कि कम दाब का क्षेत्र है इसलिए बारिश में देरी हो रही है। वहीं संभावना जताई जा रही है कि उत्तर प्रदेश में दाखिल हो चुका मानसून अगले दो दिन में पूरे राज्य में पहुंच जाएगा।
इससे पहले मेरठ में गर्मी का हाल यह है कि दस से शाम पांच बजे तक सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है। गर्मी के कारण स्कूलों को भी कई बार बंद किया जा चुका है। आसपास के जिलों में बारिश हुई लेकिन मेरठ में एक बूंद भी बारिश नहीं हुई। हल्की सी बारिश की फुहार पड़ी और इसके बाद बादल निकल गए। बारिश न होने से लोग परेशान है। किसानों के चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई है। बारिश के लिए अब लोगों ने भगवान के साथ ही धर्म-कर्म का सहारा लेना शुरू कर दिया है। शनिवार को मेरठ के लालकुर्ती मोहल्ले में बारिश के लिए हवन-यज्ञ का आयोजन किया गया। पुजारी विकास राणा ने बताया कि इस समय गर्मी और बीमारियां बढ रही है। बारिश नहीं हो रही। भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए धूप में दो घंटे बैठकर हवन का आयोजन किया गया है। इसमें सैकड़ों लोगों ने भाग लिया है।