यूपी के इस सरकारी अस्पताल में हाे रही थी अवैध वसूली, पत्रिका टीम पहुंची ताे हुआ खुलासा, देंखे वीडियाे
भावनपुर के औरंगाबाद रसूलपुर निवासी अहसान सैफी पुत्र इस्लामुद्दीन के अनुसार बीती 17 मई से 29 अगस्त तक वह एक पारिवारिक विवाद के चलते जिला कारागार में बंद था। अहसान के मुताबिक जेल से रिहा होने के बाद वह वापस लौटा तो उसे पता चला कि उसकी रॉयल इनफील्ड बाइक संख्या यूपी-15 बीडी-0032 गांव के रहने वाले असीम पुत्र जिलेदार ने दबंगई से हथिया ली है। इसके बाद अहसान ने आरटीओ कार्यालय में संपर्क किया तो जानकारी मिली कि बीती 17 मई को उसकी बाइक असीम के नाम ट्रांसफर भी कर दी गई।यात्रियों ने ड्राइवर से कही ये बात तो बोला एेसे ही चलेगी बस, कुछ मिनट बाद ही हो गया बड़ा हादसा
अहसान का कहना है कि उसने अपनी गैरमौजूदगी में बाइक को किसी अन्य के नाम पर ट्रांसफर किए जाने का विरोध किया। जिस पर आरटीओ कार्यालय के स्टाफ ने उसे यह कहकर टरका दिया कि बाइक को ट्रांसफर करने वाले संबंधित बाबू राकेश कुमार का बागपत तबादला हो चुका है और वही इस विषय में जवाब देंगे। कई दिनों से आरटीओ के चक्कर काट रहे अहसान का आरोप है कि सोमवार को एआरटीओ श्वेता ने उसे कार्यालय से बाहर निकलवा दिया। जिसके बाद अहसान के पक्ष में भाजपा नेता कुलदीप तोमर और अन्य भाजपाइयों ने आरटीओ कार्यालय में जमकर हंगामा किया। जानकारी के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। बात बढ़ती देख आरटीओ ने दो दिन में मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है। बताते चले कि यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी आरटीओ में इसी तरह के भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं।