जिला अस्पताल में 108 और 102 एम्बुलेंस के चालको ने जिले में संचालित सभी 52 एम्बुलेंस को अस्पताल कैंपस में खड़ी कर काम रोक दिया और वही धरने पर बैठ गए। जिले की सभी एम्बुलेंस सेवाएं एक साथ बंद होने से स्वास्थ विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सीएमओ उमेश यादव भी मौके पर पहुंचे और चालकों को मानने का प्रयास करने लगे।
यह भी पढ़ें- जिला अस्पताल की लापरवाी, बीमार छात्राओं को जबरन किया डिस्चार्ज धरने पर बैठे चालकों का कहना था कि उन्हें पिछले दो महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। साथ ही उनकी शिकायत थी कि एम्बुलेंस चालकों को पूरी वेतन नहीं दी जा रही है। चालकों ने एम्बुलेंस व्यवस्था के इंचार्ज जितेंद्र सिंह पर अनुचित शोषण करने का आरोप लगाते हुए बताया कि अभी तक उन्हें उनके वेतन से कट रहे पीएफ एकाउन्ट का नंबर भी नही दिया गया है। चालकों के अनुसार उनसे 24 घंटे ड्यूटी कराई जा रही है। साथ ही एम्बुलेंस को मेंटनेंस करवाने का दबाव भी बनाया जा रहा है। सभी कामों के अलावा उन लोगों से 12 से 15 केस कराया जाता है जिसका मोटा मुनाफा एम्बुलेंस संचालन करने वाली कंपनी के अधिकारी उठाते हैं।
यह भी पढ़ें- मिर्जापुर के सरकारी स्कूल की 80 छात्राएं बीमार, 24 की हालत गंभीर इसके साथ ही चालकों ने कंपनी से हटा कर खुद को स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत करने कि मांग करते हुए कहा कि नहीं मांगे नहीं माने जाने पर उनका धरना अनिश्चित कालीन तक चलेगा। वहीं, घंटों धरने पर बैठे चालक को मानने के लिए मौके पर पहुंचे सीएमओ उमेश यादव ने बकाया वेतन के जल्द भुकतान का आश्वास दिया। तब जा कर चालक माने और एम्बुलेंस सेवा का संचालन शुरू हो पाया।
by Suresh Singh