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मिर्जापुर

किसानों को भारी परेशानी, सिर्फ कागजों पर हो रही धान की खरीद नहीं खुले कई केन्द्र

धान खरीद के लिए कागजों पर खुले पांच केन्द्र खरीद सिर्फ एक केन्द्र पर

मिर्जापुरDec 18, 2017 / 04:24 pm

Ashish Shukla

paddy

धान खरीद को लेकर परेसान हैं किसान

मिर्ज़ापुर. किसानों की धान खरीद के लिए बनाये गये क्रय केन्द्र सिर्फ कागजों में ही चल रहे हैं। भारी मात्रा में धान की पैदावार के बाद उसकी खरीद न किये जाने से किसान लगातार परेशान हो रहे हैं।
जी हां हम बात कर रहे हैं जिले के छानबे विकास खंड की। यहां किसानों की धान खरीद के लिए पांच धान केन्द्र बनाये गये हैं। पर इनमें से सिर्फ गैपुरा केन्द्र पर पर धान की खरीद की जा रही है। शेष चार धान क्रय केन्द्रों मे गोपालपुर, नर्रोइया, चितौली व बिहसड़ा क्रय केंद्र केवल कागज पर चल रहे हैं ।
इन चार केन्द्रों पर खरीद न किये जाने से किसानो को भटकना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ गैपुरा धान क्रय केन्द्र धान की आवक ज्यादा होने से इस केन्द्र पर दबाव बढ़ता जा रहा है।
गैपुरा केन्द्र पर अब तक 18250 कुंतल धान की खरीद हो चुकी है । भिलगौर के किसान माता प्रसाद सिंह ने बताया कि हाईब्रिड धान की खरीद केन्द् पर न होने से किसानों को भटकना पड़ रहा है ।
केन्द्र प्रभारी गैपुरा राम कृष्ण दूबे ने बताया कि अब तक 215 किसानों का धान क्रय किया गया है। किसानों का कहना है कि अन्य केंद्रों पर भी जल्द से जल्द खोल कर धान कि खरीद कराई जाए। क्षेत्र के बंद पड़े धान क्रय केंद्र को अविलंब खोला जाय। जिससे किसानों को सुविधा हो जाये ।
किसानों का आरोप है कि गैपुरा के अलावा अन्य केन्द्र पर केवल कागज पर खरीद हो रही है । विभाग की मौन स्वीकृति से किसानों को फजीहत है रही है । बंद पड़े केन्द्रों की जाच की मांग की जा रही है। बतादें कि इससे पहले राजगढ़ में भी धान खरीद केंद्र पर किसानों ने घटतौली करने और किसानों का शोषण करने आरोप लगाते हुए सैकडों किसानों ने अधिकारियों का घेराव किया था।
किसानों के अनुसार प्रति क्विंटल नमी के नाम पर 6 किलो धान की कटौती की जा रही है जो कि शासन के नियम के विरुद्ध हैं। किसान इस बात से नाराज हैं कि उन्हे खरीद के लिए बुलाये जाने के बाद भी खरीद नहीं की जा रही है।
इनका कहना है कि 20 दिन पहले एसएमआई ने दो कांटे लगाकर 500 क्विंटल धान खरीदने की बात कही थी। लेकिन आज तक के कहीं काटा लगाया गया। ऐसे में खुले आसमान के नीचे किसानों की धान पड़ी हुई है। फिलहाल कागजों के आधार पर योगी सरकार किसानों को सुविधा देने के लाख दावे करे मगर स्थानीय स्तर पर धान खरीद केंद्र में हो रही लापरवाही से किसान परेशान हैं।
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