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मिर्जापुर

यूपी में इस पुल को लेकर शुरू हुई राजनीति, कांग्रेस नेता ने दी यह चेतावनी

इससे पहले इस पुल को बनवाने के लिए अनुप्रिया पटेल और बीजेपी विधायक रत्नाकर मिश्र शासन को लिख चुके हैं पत्र

मिर्जापुरJul 28, 2019 / 06:26 pm

sarveshwari Mishra

Lalitesh Pati Tripathi

Lalitesh Pati Tripathi

मिर्जापुर. यूपी के मिर्जापुर के अकोढ़ी स्थित कर्णावती नदी पर टूटे पुल राजनैतिक दलों के लिए सियासी मुद्दा बन गया है। इसे बनवाने के लिए अपना दल (एस) सांसद अनुप्रिया पटेल और भाजपा के स्थानीय विधायक रत्नाकर मिश्र के बाद अब कांग्रेस नेता ललितेश पति त्रिपाठी ने शासन से पुल को बनवाने की मांग को लेकर पत्र लिखा है। मगर पुल बनवाने की देर होने पर ललितेश पति त्रिपाठी ने कांग्रेस नेताओं के साथ अकोढ़ी के पास एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया है। ललितेश पति त्रिपाठी ने चेतावनी दी है कि अगर तीन महीने के अंदर पुल नहीं बना तो कांग्रेस आंदोलन करेगा। यह पुल छानवे के बड़े इलाके को यह पुल जोड़ता है।

धरना प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता व मड़िहान से पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी ने ग्रामिणों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में जनसंपर्क के दौरान उन्होंने वादा किया था कि वे चुनाव बाद इस पुल के पुनर्निमाण की मांग को लेकर धरने पर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि बड़ी अजीब बात है कि जनपद से सांसद और पांचो विधायक सत्ताधारी दल व गठबंधन से होने के बावजूद जनता की आवाज कोई सुनने वाला नहीं है। कांग्रेस पार्टी यूपी सरकार को तीन महीने की मोहलत देती है, यदि तीन महीने में पुल का कार्य शुरू नहीं हुआ तो कांग्रेसी आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इस मौके पर कांग्रेस पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को एक पत्र भी जारी किया जिसमें मांग की गई कि तीन महीने के भीतर पुल का कार्य शुरू हो। इस एक दिवसीय धरना कार्यक्रम में श्री ललितेशपति त्रिपाठी समेत, श्री गिरीश त्रिपाठी, श्री राजधर दूबे, श्री अशोक उपाध्याय, श्री इमरान खान, श्रीमती अर्चना मिश्रा, श्री भारतेंदू यादव, श्री सतीश मिश्रा एवं अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शामिल रहें गौरतलब है कि कर्णावती नदी पर बना पुल बेहद जर्जर हालत में है, जिसके कारण आस-पास के लगभग 25 गांव का आवागमन प्रभावित है। ग्रामिणों की लंबे समय से यहां एक नए पुल की मांग रही है। कभी कॉग्रेस का गढ़ रहा यह इलाका अब भाजपा और अपना दल (एस) की पकड़ में है। लिहाजा कांग्रेस इस पुल के बहाने एक बार फिर से पुराने जनाधार को वापस पाने की कोशिश में है।
BY-Suresh Singh

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