सुधाकर दृवेदी तब चर्चा में आये जब बहुचर्चित मालेगांव ब्लास्ट में जांच कर रही एटीएस कि टीम ने उन्हें नासिक से गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान उनसे लगातार पूछताछ होती रही। नौ साल बाद वह नवंबर-दिसंबर 2017 के बीच जमानत पर बाहर आये। उसके बाद से ही वह देश के विभिन्न राज्यों में घूम-घूम कर एक नए हिन्दू संगठन के गठन कि तैयारियों में लगे हुए है। इसके लिए देहरादून में भी बैठक हो चुकी है।
इसी क्रम में मिर्जापुर पहुंचे सुधाकर द्विवेदी ने पत्रिका से बात करते हुए मालेगांव केस को पूरी तरह से राजनैतिक बताते हुए तत्कालीन काग्रेस सरकार पर दोष मढ़ा। उनके मुताबिक तत्कालीन सरकार ने जबरन उन्हें फंसाया। जल्द ही उन्हें कोर्ट से न्याय मिलेगा। उनका कहना था कि आएसएस के मोहन भागवत और गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ को इस मामले में फंसाने कि साजिश रची जा रही थी।
दावा किाय कि एटीएस के अधिकारियों ने उनसे कई बार योगी आदित्यनाथ के बारे में पूछताछ की थी। उनके मुताबिक उस मामले में फंसाने के लिए एक भगवा धारी चाहिए था। दावा किया कि योगी आदित्यनाथ को फंसा कर पूरे उत्तर भारत से हिंदुत्व को तोड़नो की साजिश थी। सुधाकर द्विवेदी ने बताया कि तीन महीने में हाईकोर्ट में चल रहे मालेगांव ब्लास्ट मामले में फैसला आ सकता है। कोर्ट के फैसले के बाद ही वह अपने नए संगठन का निर्माण कर युवाओ को देश से जोड़ने का कार्य प्रारंभ करेगे। जिसमे युवको को शारीरिक शिक्षा देना, राजनीति के प्रति उनमे सकारत्मक भाव लाने का काम करेंगे।
by Suresh Singh