इस दौरान विरोध में एक साथ पूरे जिले में विकास कार्य ठप रहा और सरकारी कार्यालय का कामकाज पूरी तरह से प्रभावित रहा। विकास भवन में परियोजना निदेशक हरिचरण सिंह के नेतृत्व में अधिकारियों व कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी करते हुए न्याय की मांग की। धरना प्रदर्शन के बाद सभी ने सीडीओ प्रियंका निरंजन को कारवाई की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।
धरना दे रहे अधिकारियों का कहना था कि, खंड विकास अधिकारी द्वारा तहरीर देने के बाद भी तक दुर्व्यवहार करने वाले एडीएम के खिलाफ करवाई नहीं की गयी है। जब करवाई नहींीकि जाती तब हम लोग हम लोग इलाके में कोई विकास कार्य नहीं करेंगे। उनका कहना है कि, पहले फील्ड के लोगो से खतरा था। अगर जब अपने लोग ही इस तरह से कृत्य को अंजाम देगे तो कोई कैसे
काम कर पायेगा। धरना दे रहे अधिकारियों और कर्मचारियों की माँग है उनके साथी को न्याय दिया जाय। वहीं धरना प्रदर्शन के कारण जिले के सभी 12 ब्लाक में भी कामकाज पूरी तरह से ठप्प रहा। जिसके कारण पीएम आवास से लेकर शौचालय निर्माण व निगरानी के कार्य रुके हुए हैं। मनरेगा का
जिओ टैगिंग का कार्य भी पूरी तरह से ठप पड़ गया है।
वहीं आजमगढ़ में इस मामले को लेकर प्रादेशिक विकास सेवा संगठन (पीडीएस) उत्तर प्रदेश के अह्वान पर अधिकारी कर्मचारियों गुरूवार को कार्य बहिष्कार किया। इस दौरान एडीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी। एडीएम का निलंबन न होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी गयी।