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मिर्जापुर

अपने ही सरकार में डीएम के खिलाफ धरने पर बैठे भाजपा चेयरमैन

एक घंटे तक चले प्रदर्शन में चेयमैन और उनके समर्थकों ने डीएम पर जमकर निकाली भड़ास, सीएम कार्यालय से फोन आने के बाद समाप्त किया धरना

मिर्जापुरFeb 11, 2019 / 04:20 pm

Ashish Shukla

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अपने ही सरकार में डीएम के खिलाफ धरने पर बैठे भाजपा चेयरमैन

मिर्ज़ापुर. डीएम की चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए मिर्जापुर नगर पालिका के भाजपा चेयरमैन मनोज जायसवाल आखिरकार धरने पर बैठ ही गये। उन्होने डीएम को तानाशाह और विकास विरोधी बताते हुए कहा है कि वो जनता की भलाई के लिए काम करने के बजाए लोगों को परेशान करने में रूचि ले रहे हैं। नगर पालिका में जब से 26 करोड़ के हिसाब-किताब गायब होने का मामला सामने आया है उसके बाद से वहां के डीएम और बीजेपी चेयरमैन आमने-सामने हैं।
चेयरमैन मनोज जायसवाल ने डीएम पर विकास कार्यों में रोड़ा अटकाने का आरोप लगाकर उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है तो डीएम अनुराग पटेल भी पीछे हटने के बजाय न सिर्फ नगर पालिका के कई कामों में अनियमितता और काम के रेट को लेकर सवाल उठा दिये। चेयमैन ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन की धमकी दी तो जिला प्रशासन ने धारा 144 समेत कई बिंदुओं का हवाला देते हुए उन्हे ऐसा न करने की चेतावनी दी थी। लेकिन चेयरमैन ने भी अपने समर्थकों के साथ न सिर्फ धरना दिया बल्कि जिलाधिकारी के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए गये।
भारी संख्या में तैनात थे सुरक्षाकर्मी

डीएम के खिलाफ धरना देने की जानकारी पहले से ही होने के बाद जिला मुख्यालय पर धारा 144 लगाई गई थी। भारी तैनात में सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये थे। जैसे ही मनोज जायसवाल अपने समर्थकों के साथ पहुंचे तो कलेक्ट्रेट का मुख्य दरवाजा बंद कर दिया गया। जिसके बाद वो अपने लोगों के साथ सिटी क्लब मैदान पहुंचे और धरने पर बैठ गए। लोगों ने डीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया।
मनोज जायसवाल ने डीएम को तानाशाह और विकास विरोधी बताते हुए कहा कि जिलाधिकारी जब से आए हैं लोगों की भलाई के काम करने की बजाए जनता को परेशान करने में लगे हुए हैं। एक भी योजना समय से पूरी नहीं हो पा रही है। न तो विकास के लिए पैसे दिए जा रहे हैं। लोगों को गुमराह करने का काम किया जा रहा है।
एक घंटे तक चले प्रदर्शन और नारेबाजी के बाद आखिरकार मामला लखनऊ पहुंच गया। बताया जा रहा है कि सीएम कार्यालय से फोन आने के बाद नगर पालिका अध्यक्ष ने धरना समाप्त कर दिया। जिसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस लिया। सूत्रों की मानें तो पूरे मामले पर मुख्यमंत्री कार्यालय सक्रिय हो गया है। नगर पालिका अध्यक्ष को संबन्धित दस्तावेजों के साथ लखनऊ बुलाया गया है। देखना ये होगा कि दोनों के बीच बढ़ा विवाद आखिर कब समाप्त होता है।
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