एनएचएम के तहत यूपी के सात जिलो मिर्जापुर, इलाहाबाद, ललितपुर, आगरा, लखनऊ, गोरखपुर और कानपुर में सीसीयू निर्माण के लिए बजट दिया गया। सबसे पहले मिर्जापुर में यूनिट बनकर तैयार हुआ है। इसके बनने से उम्मीद जताई जा रही थी कि जिले के ह्रदय रोगियों को प्रयागराज या वाराणसी नहीं जाना पड़ेगा। इसके लिए सीसीयू में 10 तरह की अत्यधुनिक मशीनों से ह्रदय रोगियों की जांच से लेकर ऐसा इलाज मुहैया हो सकेगा जिससे उनकी जान बचायी जा सके। यहां मशीनें तो अत्याधुनिक लगा दी गयी हैं, लेकिन उसे ऑपरेट करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टर की तैनाती के बगैर ही युनिट खोल दिया गया है।
मंडलीय अस्पताल में बतौर ईएमओ डा. एनके त्रिपाठी को कार्डियोलाजिस्ट बनाकर सीसीयू का प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा अस्पताल के ही दूसरे डॉक्टर और कर्मचारियों को इस केयर यूनिट की जिम्मेदारी दे दी गयी, जबकि नियमों के अनुसार बकायदा इस यूनिट के संचालन के लिये विशेषज्ञ डॉक्टर और कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी चाहिए। फिलहाल सवाल उठ रहे हैं कि अगर डॉक्टर ही नहीं हो तो मशीनों का क्या फायदा। कहीं स्वास्थ विभाग ने पूरी तैयारी करने से पहले ही इस केयर यूनिट का उद्धघाटन तो नहीं करवा दिया।
कार्डियक केयर यूनिट में लगी हैं ये मशीनें
मंडलीय अस्पताल में ह्रदय रोगियों के लिए डेढ़ करोड़ की लागत से बने कार्डियक केयर यूनिट में भले ही डॉक्टर न हों मगर यहां पर 10 अत्यधुनिक मशीनें लगायी गयी हैं। इससे मरीजों की जांच की जाएगी। इनमें टूडी कलर डाप्लर ईको मशीन, एंबुलेटरी बीपी मशीन, डिफैर्बिलेटर, इनफ्यूजन पंप, वेंटीलेटर मशीन व पोर्टबेल एक्सरे मशीन शामिल है।