संस्था ने बताया कि पूरे शहरी क्षेत्र के लोगों से उनके बचे भोजन को इकट्ठा कर भूखे लोगों में वितरित किया जाएगा। इसी के साथ वैवाहिक कार्यक्रम में बचे खाने को भी इकट्ठा कर गरीबों को बांटने का कार्य किया जाएगा। इसके लिए संस्था ने लोगों से रोटी बैंक से जुड़ने की अपील की।
ऐसे हुई इस रोटी बैंक की शुरूआत
रोटी बैंक की शुरूआत कृष्णा शुक्ला ने की। इन्होंने बताया कि एक बार जब वह शहर के एक वैवाहिक कार्यक्रम दो गरीब बच्चों को जूठे प्लेट में छोड़े गए खाने को खाते हुए देखा तभी से उन्होंने ठान ली कि गरीबों को लिए कुछ ऐसा करेंगे जिससे वे कभी भूखे नहीं रहें न ही उन्हें किसी का जूठा खाना पड़े। तब उन्होंने रोटी बैंक खोलने की सोची। उनका कहना है कि इस बैंक में वे लोग अपने घरों में बचे हुए खाने को जमा करेंगे जो खुद खाने के बाद घर में बचता है उसे फेक देते हैं। इस बैंक से वह बचा खाना उन तक पहुंचेगा जो खाली पेट सो जाते हैं।
आपको बता दें कि यह रोटी बैंक मीरजापुर रेलवे स्टेशन परिसर, रोडवेज परिसर एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भूखे पेट सोने वाले असहाय व गरीब व्यक्तियों की भूख मिटाएगा। अब सड़क पर अपना दिन गुजारने वालों को रोटी के लिए नहीं तरसना होगा।
जिले के पाण्डेयपुर निवासी कृष्णा शुक्ला ने अपने मित्रों के सहयोग से रोटी बैंक स्थापना की है। उन्होंने बताया कि इस बैंक से गरीब और निर्धन लोगों की मदद होगी। कोई भी शहर में भूखा नहीं सोएगा। इस बैंक में धीरज पाण्डेय, दिलीप पाण्डेय, सुरेंद्र श्रीवास्व, कमल श्रीवास्तव एवं गोविंद शुक्ल ने मिलकर स्वच्छ विंध्य सुंदर विंध्य के माध्यम से रोटी बैंक की स्थापना की।