15 साल बाद एक आशा की किरन जगी है। भोला की कलेक्ट्रेट के सामने अपने जिंदा होने की तख्ती उठाए हुए बैठे होने का वीडियो सोशल मीडिया में फैलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका संज्ञान लेकर डीएम को जांच का आदेश दिया है। इसके बाद जिलाधिकारी ने भोला का डीएनए टेस्ट करवाया है। अब उसके भाई का भी डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। भोला का आरोप है कि राजस्व निरीक्षक और लेखपाल ने उनके जीवत रहने के बावजूद उन्हें मृत दिखाकर उनके हिस्से की जमीन उनके भाई राज नारायण के नाम कर दी।
सदर तहसील के अमोई गांव निवासी 56 साल के भोला सिंह के मुताबिक 2005 में उन्हें पता चला कि खतौनी में वो मृत घोषित कर दिये गए हैं। सरकारी कर्मचारियों द्वारा उनके हिस्से की जमीन उनके भाई राज नारायण के नाम पर कर दी गई है। कागज में मृत होने के बाद उनके भाई राज नारायण ने भी भोला को अपना भाई मानने से इनकार कर दिया। खुद को जिंदा साबित कर खतौनी में अपना नाम दर्ज कराने के लिये भोला ने राजस्व में मुकदमा भी किया और तभी से भोला लगातार खुद को जिंदा साबित करने के लिये कोर्ट और सरकारी दफ्तारों के चक्कर काट रहा है।