सोमवार की सुबह मंगला आरती के बाद मां विंध्यवासनी मंदिर के कपाट आम भक्तों के लिए खोल दिया गया, तो उसके पहले ही श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गई थी। मंदिर खोलने से पहले ही दर्शन पूजन को लेकर जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्था कर दी गयी। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए सर्कल बनाया गया है तो वहीं मंदिर पहुंचने वाले सभी चार मार्गों की सख्त निगरानी की जा रही है। गर्भगृह में एक साथ पांच लोगों को ही जाने की अनुमति दी जा रही है। दर्शनार्थियों को मास्क पहनना भी अनिवार्य किया गया है। विंध्य पण्डा समाज के पूर्व अध्यक्ष राजन पाठक का कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग सहित जिला प्रशासन द्वारा जारी सभी नियमों का पालन किया जा रहा है।
इन व्यस्थाओं के साथ जैसे ही सुबह मंदिर का कपाट खुला दर्शन-पूजन के लिए दूर-दूर से आए दर्शनार्थियों की लाइन लग गयी। प्रतापगढ़ से आए भक्त सुभाष गुप्ता ने कहा कि लॉक डाउन के चलते मंदिर बंद होने के चलते वह माँ के दर्शन पूजन के लिए नहीं आ पा रहे थे। पता चला कि आज से आज मंदिर खुलेगा तो रात को ही यहां पहुंच गए। आज दर्शन पूजन के बाद बहुत खुशी मिली है।
बताते चलें धर्म स्थलों को खोले जाने की गाइड लाइन के बाद काशी विश्वनाथ समेत मंदिर खुले तो विंध्याचल में भी विन्ध्यावासीनी मंदिर खोलने की तैयारियां की जाने लगीं। पर इसी दौरान मंदिर के नज़दीक ही पुजारी परिवार के एक सदस्य के कोरोना पॉज़िटिव पाए जाने के बाद इलाके को हाट स्पाट घोषित कर दिया गया, जिससे मंदिर का खोला जाना भी आगे बढ़ा दिया गया। अब जाकर जिला प्रशासन और मंदिर की व्यस्वथा का संचालन करने वाली संस्था विंध्य पण्डा समाज की सहमिति के बाद सोमवार से मंदिर को आम दर्शनार्थीयो के लिए खोल दिया गया।
By Suresh Singh