आईएमडी के मुताबिक अगले 24 घंटे तक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, राजस्थान, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा को अर्लट पर रहने की जरूरत है। मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवाती परिसंचार तंत्र राजस्थान और उत्तर प्रदेश में एकबार फिर तूफान के संकेत दे रहे हैं।
पिछले दिनों आए बवंडर का सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश और राजस्थान में देखने को मिला है। गृहमंत्रालय के मुताबिक आकाशीय बिजली गिरने और आंधी से यूपी में 73 लोगों की और राजस्थान में 35 लोगों अपनी जान गवां चुके हैं। बुधवार को आए तेज आंधी तूफान के साथ बिजली गिरने और बवंडर ने उत्तर प्रदेश के आगरा और राजस्थान के भरतपुर में जान-माल की भारी तबाही मचाई।
भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के कार्यालय प्रभारी निदेशक मौसम केन्द्र लखनऊ ने उत्तर प्रदेश के लिये जारी अपने मौसम पूर्वानुमान संबंधी पत्र में स्पष्ट किया है कि मुरादाबाद ,रामपुर, बिजनौर, संभल अमरोहा तथा हापुड़ सहित प्रदेश के पश्चिमी एवं पूर्वी जिलों में पांच मई को चेतावनी की अवधि सुबह आठ बजकर तीस मिनट तक है।
चक्रवाती तूफान से उत्तर प्रदेश में हुए जानमाल के नुकसान और राहत कार्यो का जायजा लेने मुख्यमंत्री योगी कर्नाटक दौरा बीच में छोड़ कर आगरा पहुंच रहे हैं। मौसम विभाग के सूत्रों ने बताया कि अगले 24 घंटे में राज्य के अधिसंख्य क्षेत्रों में मौसम आमतौर पर शुष्क रहने के आसार हैं। इस दौरान तापमान में बढ़ोत्तरी होने का अनुमान है।
प्रशासन ने राजस्व और बचाव कर्मियों को सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं। खबर है कि सभी क्षेत्रों में शहरी और ग्रामीण अंचलों में लोगों को सम्भावित प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए उपाय सुझाए हैं। बिजली , पानी , नगर पालिकाओं , नागरिक पुलिस , पीएसी , होमगार्ड , पीआर डी जवानों , बस , रेलवे , चिकित्सकों , संचार , यातायात एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को हर स्थिति से तैयार रहने की हिदायत दी गई है।
धूल भरी आंधी और आकाशीय बिजली गिरने से भारत में सैकड़ों लोगों की मौत पर चीन ने शुक्रवार का गहरा दुख प्रकट किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, ‘भारत में तूफान से जान-माल की भारी क्षति होने पर हम गहरी सहानुभूति व हार्दिक संवेदना जाहिर करते हैं। हम मृतकों के लिए शोक प्रकट करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’
मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने मौसम के तथ्यों को बटोरकर परिस्थितियों के बारे में जानकारी दी है कि आखिर वातावरण में ऐसे हालात कैसे बन गए। बुधवार को आया तूफान का बवंडर कुछ भौगोलिक परिस्थितियों के कारण अनुमान से ज्यादा भाग में फैल गया, जिससे इतने कम समय में इतना बड़ा नुकसान हुआ। तूफान ने कुछ ही समय में 150-250 किमी. का एरिया कवर कर लिया था। वैज्ञानिकों ने बताया कि प्री-मानसून गतिविधियों में तूफान, रेतीली आंधी, बारिश और तेज तूफान मई के दौरान देखने को मिलता है। भारतीय मौसम विभाग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि ऐसे हालातों की जानकारी उन्होंने मौसम एजेंसी स्काईमेट से जुटाई है। स्काईमेट ने पहले ही बता दिया था कि देश के उत्तर-पश्चिम इलाके में 1 मई तक कुछ जगहों पर धूल भरी आंधी आ सकती हैं। इन गतिविधियों को पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में देखा जा सकता है।