शिकायतकर्ता सौमित्र गोस्वामी और मनब ज्योति बोरा ने लेखकों और प्रकाशक पर पीएम मोदी को लेकर बच्चों को भ्रमित करने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता के मुताबिक हमारे प्रधानमंत्री को लेकर भावी छात्रों को भ्रमित किया जा रहा है। 390 पृष्ठों की यह किताब एनसीइआरटी के सिलेबस में शामिल है। किताब एक गाइड बुक है, जो असमिया भाषा में लिखी गई है।
क्या लिखा है बुक में…
किताब के ‘Recent Issues and Challenges’ नाम के आखिरी पाठ में ‘Godhra Incident and Anti-Muslim Riot in Gujarat’ नाम का सेक्शन है। पेज नंबर 376 पर लिखा है कि 2002 में गोधरा स्टेशन पर ट्रेन में आग लगाने से महिलाओं और बच्चों समेत 57 लोग मारे गए थे। वहीं, सिर्फ इस शक पर कि घटना के पीछे मुस्लिम थे, अगले दिन गुजरात के विभिन्न हिस्सों में मुस्लिमों पर हमले किए गए। हिंसा एक महीने से ज्यादा समय चली। इस दौरान करीब हजार लोग मारे गए। मरने वालों में अधिकतर मुसलमान थे। गौरतलब है कि जब यह हिंसा हुई गुजरात में भाजपा की सरकार और नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे। आरोप लगते हैं कि सरकार मूकदर्शक बनी थी। ऐसे भी आरोप थे कि राज्य के प्रशासन ने हिंदुओं की मदद की।’
एसआईटी ने मोदी को दी थी क्लीन चिट
गोस्वामी और बोरा ने 15 सितंबर को ई-डाक से गोलाघाट पुलिस थाने को शिकायत भेजी थी। इसमें लिखा था, ‘ये बात सभी जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 12 सितंबर 2011 को इस मुद्दे पर मोदी को क्लीन चिट दी थी।’ हमारे छात्रों को प्रधानमंत्री के बारे में गलत बातें पढ़ाई जा रही हैं। प्रकाशक के साथ लेखक भी गलत और भ्रामक जानकारी दे रहे हैं। किताब में इन बातों का छापा जाना सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाली एसआईटी रिपोर्ट का अपमान है। शिकायतकर्ताओं ने किताब पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।