1. रोज की तरह मुंबई अपनी तेज रफ्तार में आगे बढ़ रही थी कि अचानक 12 मार्च 1993 के दोपहर 1.30 बजे स्टॉक एक्सचेंज की 28 मंजिला इमारत के बेसमेंट में पहला धमाका हुआ। 50 लोग मारे गए।
अभी यहां की चीख पुकार थमी नहीं थी कि आधे घंटे बाद नरसी नाथ स्ट्रीट पर एक कार धमाका और हुआ। अगले दो घंटे से कम वक्त में ही सिलसिलेवार 12 धमाके हो चुके थे।
जिन इलाकों में ये धमाके हुए उनमें शिव सेना भवन, एयर इंडिया बिल्डिंग, रॉक होटल, प्लाजा सिनेमा, जुहू सेंटूर होटल, सहार हवाई अड्डा और एयर इंडिया ऑफिस जैसी जगह शामिल हैं। एयर इंडिया के ऑफिस पर जो धमाका हुआ उसमें 20 लोगों की जान गई, 87 जख्मी हुए।
यह दुनिया भर में सीरियल बम विस्फोटों का पहला मामला था। करीब 27 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। इन धमाकों के मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। पुलिस के मुताबिक धमाके भारत से बाहर रहने वाले दाऊद ने कराए थे।
वर्ष 1993 नवंबर की 4 तारीख को 189 लोगों के खिलाफ 10 हजार पन्ने की प्राथमिक चार्जशीट दर्ज हुई। 19 नवंबर को केस सीबीआई को सौंपा गया। अप्रैल 1995 को मुंबई की टाडा अदालत में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई। अगले दो महीनों में आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए।
2006 सितंबर में कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाना शुरू किया। 123 अभियुक्त में से 12 को निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई। जबकि 20 को उम्रकैद और 68 लोगों को उससे कम की सजा सुनाई गई। 23 लोग निर्दोष पाए गए।
नवंबर 2006 में संजय दत्त को अवैध रूप से पिस्तौल और एके-56 राइफल रखने का दोषी पाया गया। संजय दत्त को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 18 महीने जेल में बिताने पड़े।
मुंबई की अदालत ने जिन लोगों को धमाकों का दोषी पाया, उनमें एक ही परिवार के चार सदस्य भी शामिल थे। याकूब मेमन, यूसुफ मेमन, ईसा मेमन और रुबिना मेमन को साजिश और आंतकवाद को बढ़ावा देने का दोषी पाया गया। याकूब मेमन को 30 जुलाई 2015 को महाराष्ट्र के यरवडा जेल में फांसी दे दी गई थी।
18 सितंबर 2002 को अबू सलेम को उसकी प्रेमिका मोनिका बेदी के साथ इंटरपोल ने लिस्बन, पुर्तगाल में गिरफ्तार किया। फरवरी 2004 में पुर्तगाल की एक अदालत ने उसका भारत में प्रत्यर्पण किए जाने को मंजूरी दे दी थी।
सलेम की भूमिका के लिए मार्च 2006 को विशेष टाडा अदालत ने उसके और उसके सहयोगी रियाज सिद्दीकी के खिलाफ आठ आरोप दायर किए थे। उस पर हथियार बांटने का आरोप भी लगाया गया था। तभी से अबू सलेम को उच्च सुरक्षा के बीच मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा गया।
विशेष टाडा अदालत ने 16 जून 2017 को अबू सलेम, मुस्तफा दोसा, फिरोज अब्दुल राशिद खान, ताहिर मर्चेंट और करीमुल्ला खान को धमाकों की साजिश का दोषी माना। वहीं अब्दुल कय्यूम को सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया था।