रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि 21 अक्टूबर और 22 अक्टूबर को दागीं गईं दोनों मिसाइलें नियमित सामरिक प्रशिक्षण का एक हिस्सा थीं। इस मिसाइल ने लगभग 300 किलोमीटर दूर एक निर्धारित लक्ष्य को भेदा। दोनों मामलों में मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य को प्रत्यक्ष तौर पर भेद दिया।
इस मिसाइल प्रशिक्षण से किसी मोबाइल प्लेटफॉर्म से जमीनी लक्ष्य को सटीकता के साथ भेदने की आईएएफ की क्षमता बढ़ गई है। गौरतलब है कि ब्रह्मोस मध्यम श्रेणी की एक सुपरसोनिक मिसाइल है। यह सतह से सतह पर मार करने के लिए निर्मित की गई है। इसे किसी विमान, जहाज या छोटे प्लेटफॉर्म से भी फायर किया जा सकता है।