गंभीरता से करना होगा विचार –
यूएनईपी के कार्यकारी निदेशक इनगर एंडरसन ने कहा, खाद्य अपशिष्ट कम करने से गैस उत्सर्जन में कमी आएगी। प्रदूषण के माध्यम से प्रकृति का विनाश धीमा होगा। भोजन की उपलब्धता बढ़ेगी और पैसे की बचत होगी। हमें गंभीरता से विचार करना होगा।
69 करोड़ लोग भूख से प्रभावित-
संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार 2019 में लगभग 69 करोड़ लोग भूख से प्रभावित हुए। कोरोना महामारी के कारण यह आंकड़ा बढऩे के आसार हैं। यूएनईपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि खाना व्यर्थ करने का संबंध आमदनी से नहीं है। करीब-करीब हर देश में यह बर्बादी हो रही है।