इन आत्महत्याओं में सबसे अधिक किसानों ने मुख्यमंत्री
देवेन्द्र फडणवीस के क्षेत्र विदर्भ में आत्महत्या की हैं। सिर्फ विदर्भ में ही इन चार महीनों में कुल 455 किसानों ने आत्महत्या की है। जनवरी से लेकर सितंबर तक पूरे महाराष्ट्र में कुल 2,150 किसानों ने आत्महत्या की है।
उल्लेखनीय है कि 2016 में कुल 2,339 किसानों ने आत्महत्या की थी और इस बार का आंकड़ा 2016 के आंकड़ों से सिर्फ 8 फीसदी कम है। हालांकि, दो मुख्य क्षेत्रों में 2016 की तुलना में किसानों की आत्महत्याएं बढ़ी हैं। पश्चिमी महाराष्ट्र की शुगर बेल्ट में इस साल अभी तक 74 किसानों ने आत्महत्या की थी, जबकि पिछले साल 2016 में 59 किसानों ने आत्महत्या की थी।
वहीं दूसरी ओर अमरावती डिवीजन में इस साल अभी तक 809 किसानों ने आत्महत्या की है, जबकि 2016 में 78 5 किसानों ने आत्महत्या की थी। अमरावती के यमतवाल समेत 5 जिलों में किसानों की आत्महत्या के मामले में स्थिति सबसे खराब है। विदर्भ में जनवरी से लेकर सितंबर तक कुल 106 7 किसानों ने आत्महत्या की है।
पिछले साल भी विदर्भ में लगभग इतने ही किसानों ने आत्महत्या की थी। वहीं मराठवाड़ा में पिछले साल 8 36 किसानों ने आत्महत्या की थी, जबकि इस बार यह आंकड़ा घट कर 702 हो गया है। उत्तरी महाराष्ट्र में पिछले साल 38 7 किसानों ने आत्महत्या की थी, जबकि इस बार 363 किसानों ने आत्महत्या की है।