कारगिल युद्ध में दुश्मन पर कहर बरपाने वाला ‘हीरो’ विदा
जोधपुर एयरबेस पर लड़ाकू विमान सुखोई-30 की दो स्क्वाड्रन
वायुसेना में 1985 में शामिल हुए मिग-27 विमान का नाम बहादुर रखा था
भारत ने 1966 में मिग-21 और 1985 में मिग-27 रूस से खरीदे थे
जोधपुर. कारगिल युद्ध का हीरो रहे भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान मिग-27 (अपग्रेडड) की एक स्क्वाड्रन इसी रविवार जोधपुर एयरबेस से रिटायर हो गई। करीब 15 लड़ाकू विमानों के इंजन और पुर्जे खोलकर अब अलग कर दिए जाएंगे। मिग-27 अपग्रेडेड की बाकी बची एक स्क्वाड्रन भी इसी साल दिसंबर के अंत तक रिटायर हो जाएगी। इसी के साथ भारतीय वायुसेना में मिग-27 विमानों का युग समाप्त हो जाएगा।
जोधपुर एयरबेस पर लड़ाकू विमान सुखोई-30 की एक और मिग-27 अपग्रेडेड की दो-दो स्क्वाड्रन थीं। मिग-27 की स्क्वाड्रन संख्या-10 को 31 मार्च को रिटायर कर दिया गया। इसी लड़ाकू विमान की अन्य स्क्वाड्रन संख्या-29 में मिग-27 अपग्रेडेड अभी भी उड़ रहे हैं। एक स्क्वाड्रन में 18 विमान होते हैं लेकिन स्क्वाड्रन संख्या-29 के दो मिग-27 इसी साल क्रेश हो गए। एक पिछले साल जोधपुर में क्रेश हुआ। ऐसे में जोधपुर एयरबेस पर करीब एक दर्जन मिग-27 विमान ही बचे हैं। जोधपुर में मिग-21 बायसन की भी स्क्वाड्रन थी, जिसे 2017 में बाड़मेर के उत्तरलाई स्टेशन पर भेज दिया था। अब जोधपुर में केवल सुखोई और मिग-27 की एक-एक स्क्वाड्रन बची है।
बहादुर नाम रखा था वायुसेना ने वायुसेना में 1985 में शामिल हुए मिग-27 विमान का नाम बहादुर रखा था। मिग-27 की अंतिम स्क्वाड्रन दिसम्बर 2017 में पश्चिमी बंगाल के हाशिमारा स्टेशन से रिटायर हुई थी। केवल जोधपुर में मिग-27 अपग्रेडड लड़ाकू विमान है जो हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) ने तैयार किए थे।
वायुसेना में अब केवल 30 स्क्वाड्रन ही बचीं भारतीय वायुसेना की स्वीकृत स्क्वाड्रन 45 हैं। रविवार को जोधपुर से एक स्क्वाड्रन रिटायर होने के बाद अब केवल 30 स्क्वाड्रन बची हैं। भारत ने 1966 में मिग-21 और 1985 में मिग-27 रूस से खरीदे थे। भारत के पास दोनों विमानों का बेड़ा करीब 852 था, जिसमें से 482 मिग क्रेश हो गए। इसमें 171 पायलट और 39 आम नागरिक मारे गए। मिग-21 बायसन की छह स्क्वाड्रन बची हैं जो 2024 तक रिटायर हो जाएंगी।
तेजस विमान लेंगे जगह पुराने मिग विमानों का स्थान स्वदेश निर्मित तेजस विमान लेंगे। तेजस विमान को इस साल फरवरी में फाइनल ऑपरेशनल क्लियरेंस मिली है। वायुसेना ने एचएएल को कुल 110 तेजस विमान का ऑर्डर दिया है।