नई दिल्ली। घर के माहौल को बेहतर और खुशबूदार बनाने के लिए आजकल रूम फ्रेशनर जैसे कई तरह की चीज़ों का इस्तेमाल करते हैं लेकिन पहले के ज़माने में सुगंधी के लिए इंसान अगरबत्ती का ही इस्तेमाल करते थे और आज भी हम अगरबत्ती का इस्तेमाल करते हैं और तो और पूजा-पाठ और भगवान की आराधना के लिए अगरबत्ती को जलाया ही जाता है।
हम ये समझते हैं कि अगरबत्ती से निकलने वाला धुआं और खुश्बू घर से नकारात्मक उर्जा को दूर करती है और साथ ही ये धुआं घर से मक्खी-मच्छर को भी दूर रखते हैं लेकिन हाल ही में कुछ ऐसी चीज़ों का खुलासा हुआ है जिससे कुछ चौकानें वाले तथ्य सामने आए है।
दरअसल,साउथ चाइना यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में हुए एक रिसर्च में ये बात साबित हुई है कि अगरबत्ती का धुआं सिगरेट के धुएं से भी ज्यादा खतरनाक होता है क्योंकि इसमें कुछ ऐसे केमिकल्स पाए जाते हैं जो नाक के जरिए शरीर के अंदर पहुंचकर DNA पर बुरा प्रभाव डालते हैं। हैरान करने वाली बात तो ये है कि ये केमिकल्स बॉडी में इरिटेशन या फिर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां तक फैला सकती हैं।
आपको बता दें कि यदि किसी अगरबत्ती में म्यूटेजेनिक नाम का केमिकल होता है तो ये इंसान के खून मेंं जाकर DNA को नुकसान पहुंचा सकता है और यदि किसी धूपबत्ती मेंं जेनोटॉक्सिक नामक केमिकल होता है तो ये बॉडी में कैंसर फैला सकता है या फिर इसमें सायटोटोक्सिक नामक केमिकल मौजूद हो तो येे बॉडी सेल्स को हानि पहुंचा सकता है।
ब्रिटिश लंग फाउंडेशन के मेडिकल एडवाइजर डॉ. निक होपकिन्सन का इस बारे में कहना है कि बच्चों को विशेषरूप से अगरबत्ती के धुंए से दूर रखना चाहिए क्योंकि अगरबत्ती अगर केमिकल युक्त होता है तो ये बच्चों के लंग्स पर बहुत बुरा प्रभाव डालती है। इसके साथ ही डॉ. निक का ये भी कहना है कि वैसे तो किसी भी तरह का धुआं ही स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है क्योकि इसमें टॉक्सिन्स पाए जाने के कारण ये काफी खतरनाक होता है। बेहतर ये ही है कि हम जहां तक हो सकें इन अगरबत्तियों को जलाने से बचें और बच्चों को विशेषरूप से इससे दूर ही रखें।