कमजोर हो सकता है CBI का केस
अगस्ता वेस्टलैंड के 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की बिक्री से जुड़ा है। यह डील 3600 करोड़ रुपए की थी। इसी मामला में सीबीआई पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी समेत कई आरोपियों के खिलाफ जांच कर रही है। ऐसे में इटली की कोर्ट का यह फैसला सीबीआई के केस को कमजोर भी कर सकता है।
पहले सुनाई गई थी साढ़े चार साल की सजा
फिनमेकानिका (अब लियोनार्डो) के पूर्व रक्षा और एरोस्पेस प्रेसिडेंट जिप्सी ओरसी और कंपनी के हेलिकॉप्टर विंग अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ स्पैगनोलिनी को सबूतों के अभाव में बरी किया गया है। हेलिकॉप्टरों की डील के समय ओरसी अगस्ता वेस्टलैंड में थे। उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में साढ़े चार साल की सजा सुनाई गई थी। वहीं, स्पैगनोलिनी को भी चार साल की सजा हुई थी। दिसंबर 2016 में इटली की सबसे बड़ी अदालत ने मामले की दोबारा सुनवाई के आदेश दिए थे।
क्या है अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला
दरअसल यूपीए सरकार ने देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री जैसे वीआईपी राजनेताओं के लिए 12 हेलीकॉप्टर खरीदने की योजना बनाई थी। यह सौदा इटली की कंपनी फिनमैकेनिका से 3600 करोड़ रुपये में हुआ था। अप्रैल 2014 में इटली की एक जांच एजेंसी ने जांच में पाया कि इस सौदे में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व वायुसेना प्रमुख ने घुस लेकर हेलीकॉप्टर की कीमत तय की थी। इस मामले में यूपीए सरकार के कई मंत्रियों का भी नाम सामने आया है। घोटाला सामने आने के बाद यूपीए सरकार ने यह सौदा रद्द कर दिया था।