मुझे उम्मीद है कि अगले छह महीनों में हमारे पास दो चीजें होंगी। 1. एंटी बॉडी वालों की बड़ी संख्या
हमारे पास ऐसे लोगों की एक पर्याप्त संख्या होगी, जो कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुके होंगे और जिनके अंदर एक खास तरह की इम्युनिटी पैदा हो गई होगी।
हमारे पास ऐसे लोगों की भी एक बड़ी संख्या होगी, जिन्हें कोरोन वायरस की वैक्सीन दी जा चुकी होगी। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि ये दोनों वजह मिलकर अगले 6 महीनों में कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने में कारगर साबित होंगे।
डॉ. गुलेरिया के मुताबिक फिलहाल हमारा फोकस कोरोना वायरस से डेथ रेट को कम करने पर लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सबसे पहले वैक्सीन उन्हीं लोगों को दी जाएगी, जिनमें संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है। जब ऐसे लोगों को वैक्सीन दे दी जाएगी तो डेथ रेट अपने आप तेजी से कम होगा।
रणदीप गुलेरिया ने कहा- वैक्सीनेशन अभियान के पहले चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स, स्वास्थ्यकर्मियों, 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों सहित उन्हें वैक्सीन दी जाएगी, जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए पूरी प्रक्रिया में 4 से 6 महीने का वक्त लगेगा। ज्यादा खतरे वाले लोगों की संख्या करीब 30 करोड़ है, जिन्हें हमें वैक्सीन की 60 करोड़ डोज देनी होंगी।