AIAM के चेयरमैन अशोक भारती ने एक बयान जारी कर कहा कि हमें पता लगा है कि आम्बेडकर जयंती के दिन कुछ लोग किसान आंदोलन के नाम पर प्रतिमा अनावरण के कार्यक्रम में रुकावट पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसा कर वे किसानों तथा दलितों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करना चाहते हैं। हम सभी किसान संगठनों तथा उनके नेताओं से अपील करते हैं कि वे इस तरह के उपद्रवी लोगों पर नजर रखें तथा उनकी साजिश को विफल कर आम्बेडकर जयंती के कार्यक्रमों में शामिल हों।
इस पूरे मुद्दे पर बोलते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जो लोग संविधान का मजाक बनाते हैं, उन्हें बाबा साहब की प्रतिमा का अनावरण करने का कोई अधिकार नहीं है। इस संबंध में बोलते हुए हरियाणा के दलित नेता कांत एलारिया ने कहा कि किसान हमारे साथ है, वे दलितों और वंचित वर्ग की समस्याओं के लिए हमारे साथ लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम किसान और दलितों की एकता को तोड़ने के हर प्रयास को विफल करेंगे। उन्होंने किसान नेताओं द्वारा किए जा रहे कृषि कानूनों के विरोध को भी सही बताते हुए कहा कि यदि कंपनियों के हाथ में खेती चली गई तो किसान खत्म हो जाएंगे।