मंच पर पहुंचे अन्ना ने तिरंगा लहरा कर अनशन शुरु करने का ऐलान किया। अन्ना ने कहा कि मैंने इस सरकार को 42 बार खत लिखा है लेकिन सरकार ने जवाब देना जरुरी नहीं समझा। अंत में मुझे अनशन पर बैठना पड़ रहा है।
अन्ना ने कहा कि अंग्रेज बेशक देश छोड़कर चले गए हैं लेकिन लोकतंत्र अबतक नहीं आया। उन्होंने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि इस आंदोलन को सफल होने से रोकने के लिए कई स्थानों पर ट्रेनें तक रद्द कर दी गई हैं। अन्ना कहा कि हार्ट अटैक से मरने से अच्छा है कि जनता की भलाई करते हुए मर जाऊं।
इस अनशन में अन्ना के पुराने सहयोगी योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, शांति भूषण और कुमार विश्वास भी रामलीला मैदान पहुंच सकते हैं। इस आंदोलन की समन्वय समिति के सदस्य और मीडिया प्रमुख जयकांत मिश्र ने आंदोलन के रुपरेखा की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि किसी भी विवाद से दूर रहने के लिए इस बार राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों का मंचों पर स्वागत नहीं किया जाएगा।
रामलीला मैदान के पास भारी सुरक्षा
इस आंदोलन को लेकर सुरक्षा के पक्के इंतजाम किए जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस के अलावा केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों को भी तैनात हैं। मैदान में आने जाने वालों की गहन सुरक्षा जांच हो रही है। रामलीला मैदान के आसपास सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जा रही है। इसके अलावा ट्रैफिक के सुगम संचालन के लिए पूरे इलाके में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के जवान भी अधिक संख्या में तैनात है।
गौरतलब है कि अन्ना रामलीला मैदान में पहले भी अनशन कर चुके हैं। मनमोहन सिंह सरकार के समय उनका लोकपाल आंदोलन बहुत लोकप्रिय हुआ था जिसे भारी जनसमर्थन मिला था। रामलीला मैदान में कल से होने वाली रैली के लिए भी भारी संख्या में किसानों के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। आयोजकों को उम्मीद है कि देश के कोने कोने से लाखों किसान रामलीला मैदान में जुटेंगे।