हम शांति की ओर बढ़ रहे: सेना प्रमुख
सेना प्रमुख ने कहा कि मेरा मानना है कि हम पूर्वोत्तर में काफी हद तक सफल हुए हैं। बड़ी संख्या में समूहों ने हमारी शर्तो पर बातचीत करने का फैसला किया है। यह एक तरह की शांति है, हम इलाके में शांति सुनिश्चित करने की तरफ बढ़ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि कहा कि कुछ मुद्दे हैं जिन्हें उचित संदर्भ में देखे जाने की जरूरत है।
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हर नीति के अपने फायदे-नुकसान: जनरल रावत
रावत ने कहा कि ऐसी कोई नीति नहीं है जो हर स्थिति के लिए फिट हो और हम उसे अपना सकें। हम एक नीति को किसी एक गुट के लिए उसकी स्थिति के अनुसार अपना सकते हैं। वही नीति दूसरे समूह पर कारगर नहीं होगी। इसलिए आप कह नहीं सकते कि जिस वजह से वहां यह किया गया, उसी तरह इसे कहीं और इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह उस तरीके से नहीं हो सकता है। हर किसी को उसकी जरूरत के आधार पर अपनाया जाता है। मेरा मानना है कि इसी को हमें समझने की जरूरत है।
‘जम्मू कश्मीर और शांति लाने की जरुरत’
जम्मू कश्मीर में आतंक और हिंसा की चर्चा करते हुए जनरल बिपिन रावत ने कहा कि जहां तक आंतरिक सुरक्षा की बात है, हम धीरे-धीरे हालत को अच्छी तरह से नियंत्रण करने की तरफ बढ़ रहे हैं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि जम्मू कश्मीर में हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं। इसे अच्छे से नियंत्रण में लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सेना नरम और सख्त, दोनों रुख अपना रही है। शांति चाहने वाले आतंकवादियों के मुख्यधारा में लौटने के लिए हमारी पेशकश हमेशा बरकरार रहेगी। कश्मीर के लोग खुद अपने लोगों द्वारा की जाने वाली हिंसा से प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम वहां इसलिए हैं क्योंकि हम घाटी में शांति सुनिश्चित करना चाहते हैं।