सिंह ने कहा कि अगर पाकिस्तान गोलाबारूद की भाषा ही समझता है तो उसे उसी के लहजे में जवाब दिया जाएगा। भारतीय जवान भी किसी से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से की जा रही गोलाबारी में पाक सैनिक बड़े हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
भारतीय चौकियों के साथ जानबूझकर बड़े हथियारों का इस्तेमाल कर रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया जा रहा है। कई बार चेतावनी देने के बाद पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है। ऐसे में भारतीय जवानों ने भी उसी की भाषा में जवाब देना शुरू कर दिया है। भारतीय सेना की इस जवाबी कार्रवाई के बाद पाक सैनिकों में दहशत भी है।
जनरल सिंह ने सीमा पर तैनात जवानों को इसी मुस्तैदी के साथ दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कहा। सिंह ने किश्तवाड़ में पनप रहे आतंकवाद पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठन किश्तवाड़ में अपनी जड़े फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। सेना जल्द इस पर काबू पा लेगी। आतंकवादियों की धरपकड़ के लिए आपरेशन शुरू भी कर दिया गया है।
इसलिए मनाते हैं राजौरी दिवस
13 अप्रैल का दिन राजौरी के लिए खास है क्योंकि इसी दिन वर्ष 1948 में सेना के जवानों ने पाकिस्तानी सेना और कबायलियों के कब्जे से राजौरी को मुक्त करवाया था। इस दिन सैकड़ों भारतीय जवान शहीद हुए थे। तब से सेना की ओर से हर वर्ष 13 अप्रैल को राजौरी दिवस के रूप में मनाया जाता है। राजौरी में यह दिवस तीन दिन तक मनाया जाता है। वहीं सेना के अधिकारी इस दिन शहीद जवानों को श्रद्धांजलि भी अर्पित करते हैं।