पूर्वोत्तर भारत के विकास के लिए आसियान अहम : मोदी
मोदी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, हमारी ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी में आसियान हमारा अहम साझेदार है
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन और 11वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए लाओस जाने से पहले मंगलवार को कहा कि पूर्वोत्तर भारत के विकास की कुंजी दक्षिण पूर्व एशिया में छिपी हुई है। मोदी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, हमारी ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी में आसियान हमारा अहम साझेदार है, जो पूर्वोत्तर भारत के आर्थिक विकास की दृष्टि से भी बेहद अहम है।
प्रधानमंत्री भारत और आसियान देशों के बीच सात सितंबर को होने वाले वार्षिक सम्मेलन और आठ सितंबर को पूर्वी एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
भारत-आसियान वार्षिक सम्मेलन में 10 दक्षिण पूर्व एशियाई देशों -इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, ब्रुनेई, कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, वियतनाम और थाईलैंड- के शीर्ष नेता हिस्सा लेंगे। वहीं पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में 10 आसियान देशों और भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस के शीर्ष नेता हिस्सा लेंगे।
मोदी ने आगे लिखा, आसियान देशों के साथ हमारी रणनीतिक साझेदारी हमारे सुरक्षा हितों की रक्षा करने और उसके प्रचार-प्रसार की दृष्टि से और क्षेत्र में पारंपरिक एवं गैर-पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियों के लिए भी काफी अहम है। उन्होंने लिखा, एशिया-प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों एवं अवसरों पर चर्चा के लिए पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन एक अहम मंच है।
भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की मौजूदा केंद्र सरकार ने भारत की इससे पहले की ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ को बदलकर ‘ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी’ कर दिया है और तभी से भारत दक्षिण एशियाई देशों के साथ अपने संबंध और मजबूत बनाने में लगा हुआ है, जिसमें भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना और म्यांमार में सिट्वे से पूर्वोत्तर भारत के मिजोरम को जोडऩे वाली कालाडान मल्टी मोडल परिवहन परियोजना अहम पहल साबित हुए हैं।
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