उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को इस बात की आजादी होनी चाहिए कि वो अपने मूल्यों के प्रति जीवन जीए। हमारा संविधान भी इस बात का अधिकार सभी को देता है। वर्तमान में हर व्यक्ति अपने-अपने हिसाब से अपने पक्ष में जीवन जी रहा है। इस बात से कोई मुकर नहीं सकता। इसमें समस्या वहां उठ खड़ी होती है जब हम स्वतंत्रता और स्वच्छंदता में अंतर नहीं कर पाते। सारी समस्या समझ और नासमझ को लेकर है। उन्होंने कहा कि हमारा देश भयावह घृणा और क्रूरता के साथ जाग रहा है। उन्होंने कहा कि शाह अच्छे इंसान हैं। उनका सम्मान किया जाता है। लेकिन हमारा मानना है कि लोगों को मुक्त भाषण की सीमाओं को स्वीकार करने की भी जरूरत है। जब लोग इस बता को समझने लग जाएंगे तब इस तरह की समस्याएं ही उत्पन्न नहीं होंगी।
दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भी इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश को बांटने की कोशिश जारी है। फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के बयान पर उमा भारती ने कहा कि देश में 1947 जैसे हालात बनाए जा रहे हैं । लेकिन जो भी विभाजन की बात करेगा भारत की जनता उसको मुंहतोड़ जवाब देगी।