scriptअयोध्या केस: 18 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, शिया वक्‍फ बोर्ड ने मस्जिद के लिए जमीन देने का किया विरोध | Ayodhya case: hearing on 18 petitions in Supreme Court today, Shia Waqf Board opposes giving land for mosque | Patrika News

अयोध्या केस: 18 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, शिया वक्‍फ बोर्ड ने मस्जिद के लिए जमीन देने का किया विरोध

locationनई दिल्लीPublished: Dec 12, 2019 10:20:10 am

Submitted by:

Dhirendra

सुप्रीम कोर्ट की बेंच में शामिल किए गए नए जज
नए जज के रूप में जस्टिस संजीव खन्‍ना को शामिल किया गया
कुल 18 याचिकाओं पर होना है विचार

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नई दिल्‍ली। अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को विचार करेगा। कोर्ट तय करेगा कि याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई की जरूरत है या नहीं। अयोध्‍या विवाद को लेकर 18 याचिकाएं सुनवाई के लिए लगी हैं।
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राम जन्‍मभूमि पर स्थिति स्‍पष्‍ट करे कोर्ट

निर्मोही अखाड़ा ने भी पुनर्विचार याचिका दाखिल कर कोर्ट से कुछ पहलुओं पर फैसले को स्पष्ट करने का अनुरोध किया है। जिसमें विशेष तौर पर ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा की भूमिका और प्रतिनिधित्व स्पष्ट करने का अनुरोध किया गया है। शैबियत राइट्स (सेवापूजा) का अधिकार नकारे जाने को निर्मोही अखाड़ा की ओर से चुनौती दी गई है।
अखाड़ा ने फैसले में उसका शैबियत राइट्स (सेवा पूजा का अधिकार) नकार दिए जाने के अंश को चुनौती दी है। कहा है कि उसका सेवापूजा का अधिकार न माना जाना गलत है। मुकदमें में किसी भी पक्षकार ने उसके शैबियत राइट्स को चुनौती नहीं दी थी।
इसी तरह मुस्लिम पक्ष ने पुनर्विचार याचिकाओं में कहा है कि जब कोर्ट ने माना है कि विवादित ढांचा मस्जिद थी तो फिर उनका हक नकारने का फैसला ठीक नहीं है।

अयोध्या मामले में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने वाले पक्षकारों में कुल 9 मूल पक्षकारों की ओर से पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की गई हैं बाकी की याचिकाएं ऐसे लोगों ने दाखिल की है जो मूल मुकदमें में पक्षकार नहीं थे। हिंदू पक्ष की ओर से हिंदू महासभा और निर्मोही अखाड़ा ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है लेकिन दोनों ने ही सीमित मुद्दों पर कोर्ट से फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया है।
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महासभा ने किया बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने का विरोध

हिन्दू महासभा की याचिका में सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने का विरोध किया गया है। जबकि निर्मोही अखाड़ा ने अपनी याचिका में कोर्ट से मांग की है कि वह ट्रस्ट में उसकी भूमिका और प्रतिनिधित्व के बारे में स्थिति स्पष्ट करे। क्योंकि कोर्ट ने फैसले में कहा है कि निर्मोही अखाड़ा को ट्रस्ट में उचित भूमिका और उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा लेकिन उसमें
क्‍या है पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई का तरीका

सुप्रीम कोर्ट के नियम के मुताबिक किसी भी फैसले पर पुनर्विचार तब करता है जबकि फैसले में साफ तौर पर कानूनी या तथ्यपरक खामी हो। यह भी नियम है कि पुनर्विचार याचिका पर फैसला देने वाले न्यायाधीश सर्कुलेशन के जरिए चैम्बर में विचार करते हैं। याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई और बहस नहीं होती। चैंबर में फाइल और रिकार्ड देखकर अगर कोर्ट को लगता है कि मामले पर खुली अदालत में सुनवाई की जरूरत है तब कोर्ट पुनर्विचार याचिका पर नोटिस जारी करता है और मामले को सुनवाई के लिए खुली अदालत में लगाने का आदेश देता है। अयोध्या मामले में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई होगी या नहीं होगी इस बात का फैसला गुरुवार को हो जाएगा।
9 नवंबर, 2019 को पूर्व मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ ने किया था। रंजन गोगोई की पीठ में वर्तमान सीजेआई एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर भी शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट के नियम के मुताबिक पुनर्विचार याचिकाओं पर वही पीठ विचार करती है जिसने मूल फैसला सुनाया होता है। लेकिन इस मामले में जस्टिस रंजन गोगोई सेवानिवृत हो चुके हैं। ऐसे में पीठ में पांच न्यायाधीशों का कोरम पूरा करने के लिए सुनवाई पीठ में नए न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना को शामिल किया गया है।
कुल 18 याचिकाओं पर होगा विचार

बता दें कि 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला देते हुए अयोध्या में पूरी विवादित जमीन मंदिर को देने का आदेश दिया था। सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन आवंटित करने का आदेश दिया था। फैसले के खिलाफ कुल 19 पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल हुई हैं जिसमे से 18 कल विचार के लिए लगी हैं। पुनर्विचार याचिकाओं में कोर्ट से 9 नवंबर के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया है।
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