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पुलिस स्टेशन में रात गुजारने को मजूबर भूखे प्यासे 150 लोग 

 लोगों को पेट भर खाना और कपड़े भी नसीब नहीं हो रहे हैं, बल्लभगढ़ के पुलिस स्टेशन मेें रात गुजारने पर मजबूर

May 29, 2015 / 01:29 pm

युवराज सिंह

Ballabgarh Communal tension

Ballabgarh Communal tension

चंडीगढ़। हरियाणा के बल्लभगढ़ के अटाली गांव में सोमवार को मस्जिद निर्माण को लेकर उपजे विवाद में एक समुदाय विशेष के लोगों के घर जलाए जाने के बाद पुरूषों, महिलाओं और बच्चों समेत करीब 150 लोग पिछले चार दिनों से बल्लभगढ़ के पुलिस स्टेशन मेें रात गुजारने पर मजबूर हैं। डर के साए में जी रहे इन लोगों को पेट भर खाना और कपड़े भी नसीब नहीं हो रहे हैं।

मस्जिद विवाद में जले घर
अटाली गांव में सोमवार को हिंसक रूप धारण करने वाला मंदिर ओर मस्जिद विवाद पिछले पांच सालों से चल रहा था। सोमवार को हुए हिंसक विवाद में मस्जिद को जलाने के बाद समुदाय विशेष के लोगों के घरों को आग के हवाले कर दिया गया।

अल्पसंख्यक आयोग ओर एनजीओ कर रहे हैं मदद
भूख प्यास से लाचार हुए इन लोगों को अल्पसंख्यक आयोग और कुछ एनजीओ खाना उपलब्ध करा रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी पेट भर खाना नहीं मिल पा रहा है।


हिंसा में अपना घर गंवा चुके निजाम ने कहा कि हमारे पास खाने को खाना नहीं है, पहनने को कपड़े नहीं हैं। खाने के लिए हम लोग यहां के स्थानीय लोगों पर निर्भर है। गर्मी के कारण बच्चे बिमार हो गए हैं। हालाकिं अल्पसख्यंक आयोग ने एक कूलर लगा दिया है, लेकिन 150 लोगों के बीच ये पर्याप्त नहीं है।

आंखों में बाकी है खौफ
बेघर हुए इन लोगो को कहना है कि अब उन्हें अपने गांव लौटने में डर लगता है क्योंकि वहां अब वे सुरक्षित महसूस नहीं करते । उनके मकान, वाहन जला दिए गए हैं।

ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करने वाले फकरूद़दीन हाजी का कहना है कि हमारे घर और वाहन जला दिए गए, पैसा लूट लिया गया, स्कूल की किताबों को आग के हवाले कर दिया गया। ऐसी स्थिति में हम वापस कैसे जा सकते हैं। 

हिंसा के शिकार हुए इशाक लम्बरदार ने बताया कि अब वहां हमारे लिए कुछ भी नहीं बचा है। हमारा सब कुछ जला दिया गया, लेकिन पुलिस ने अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। ऐसे में हम लोग कैसे सुरक्षित महसूस कर सकते हैं।

फरीदाबाद कमिश्नर सुभाष यादव का मानना है कि ज्यादातर परिवार गांव वापस नहीं लौटना चाहते क्योंकि उनके घर मकान, दुकान सब जलाकर राख कर दिया गया है। हम इन लोगों के लिए कुछ और इंतजाम करने की कोशश कर रहे हैं।

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