टैलेंट की कमी के कारण बैंकों ने बंद किया प्रेग्नेंसी टेस्ट
टैलेंट
की कमी के कारण कुछ बैंकों ने अपन सालों पुराने लैंगिक भेदभाव वाले नियम को खत्म कर
दिया है
women applicant pregnancy test
मुंबई। टैलेंट की कमी के कारण कुछ बैंकों ने अपन सालों पुराने लैंगिक भेदभाव वाले नियम को खत्म कर दिया है। पिछले कई सालों से बैंक इस नियम के हिसाब से शादीशुदा महिला को अप्वाइंटमेंट लैटर देने से पहले उसका प्रेग्नेंसी टेस्ट कराते थे। हाल ही में एक्सिस बैंक ने इस नियम को खत्म किया है, लेकिन अन्य प्राइवेट व सरकारी बैंक अभी भी इस नियम के हिसाब से ही चल रहे हैं और ये भी उस समय हो रहा है, जब राज्यसभा में ट्रांसजेंडर लोगों को बराबरी का हक देने का बिल पास हो गया है।
एक्सिस बैंक के एचआर हेड राजेश दहिया ने कहा, “भले ही इक्नॉमी में कमी आई हो, लेकिन बिजनेस की रिटेल साइड की मदद से बैंकिंग इंडस्ट्री ने ग्रोथ मिलती रही है।” उन्होंने कहा कि, टैलेंट कम होना तय है, क्योंकि कंम्पटीशन बहुत ज्यादा है और टैलेंट के पूल का साइज उतना ही है। हम अपने इनपुट्स और आउटपुट में दोबारा से सुधार कर रहे हैं। हम किसी ऎसे योग्य उम्मीदवार को नहीं छोड़ना चाहते, जो हमारी जरूरतों को पूरा कर सकता हो।
प्राइवेट सेक्टर बैंकों के दो कर्मचारियों का कहना है कि आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक शादीशुदा महिलाओं को नौकरी देने से पहले उनका प्रेगनेंसी टेस्ट कंडक्ट कराते हैं। गौरतलब है कि इन दोनों ही बैंकों से पिछले हफ्ते ई-मेल के जरिए इस मामले में सवाल पूछे गए थे, लेकिन अभी तक दोनों ही बैंकों की ओर से कोई भी जवाब नहीं आया है।
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