बरेली. अमूमन सरकारी कर्मचारियों को लेकर एक आम धारणा बनी रहती है कि वो काम करें या नहीं, वेतन पूरा मिलता है। मगर बरेली के डीएम ने इस धारणा को तोड़ दिया। डीएम ने सही से काम न करने पर एसएसपी समेत 176 अधिकारियों का वेतन रोक दिया। खास बात यह है कि उन्होंने खुद को भी जिम्मेदार मानते हुए वेतन नहीं लिया।
डीएम का नाम पंकज यादव है। उनके इस फैसले से पूरे उत्तर प्रदेश में खलबली मच गई। आला अधिकारी से लेकर छोटे कर्मचारियों को इस बाबत विश्वास नहीं हो पा रहा है। दरअसल, डीएम ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि लोगों की कई शिकायतें लंबित पड़ी हुई हैं। समय से उनका निस्तारण नहीं किया जा सका है। डीएम ने कहा कि जब तक शिकायतों का निपटारा नहीं हो जाता, संबद्ध अफसर अपना वेतन नहीं उठा सकते। उनके इस आदेश से छोटे-बड़े अफसरों के लोग बुधवार को कलेक्ट्रेट के चर लगाते रहे, तो पुलिस अधिकारी इस आदेश से गुस्से में हैं।
अधिकारियों ने अनुरोध किया
हर माह 25 से 30 तारीख के बीच अफसरों के खाते में उनका वेतन ट्रांसफर कर दिया जाता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। वेतन रोके जाने की खबर मिलने के बाद कई अफसर डीएम से अनुरोध करने के लिए पहुंचे तो कुछ मुख्य कोषाधिकारी के पास। लेकिन कोषाधिकारी के स्तर पर यह साफ तौर पर कह दिया गया कि जब तक डीएम का आदेश नहीं होगा तब तक अफसरों का वेतन खातों में नहीं पहुंचेगा।
डीएम बोले, ‘काम करें फिर लें वेतन’
डीएम पंकज कुमार ने कहा कि दूरदराज से लोग बहुत उम्मीदों के साथ शिकायतें लेकर आते हैं। शिकायतों को दूर करना मेरा और जिलास्तरीय अफसरों का दायित्व बनता है। ऐसा न होने पर शिकायतें ऊपर जाती हैं। वहां से भी संबंधित अफसरों को ही शिकायतें निपटाने के आदेश दिए जाते हैं।
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