
Bharat Biotech Covaxin Protect Against Corona's UK Strain! How Important Is This For India
नई दिल्ली। पूरी दुनिया कोरोना महामारी ( Corona Epidemic ) के प्रकोप से जूझ रही है और लगातार हर दिन लाखों की संख्या में लोग अभी भी संक्रमित हो रहे हैं, जबकि हजारों की संख्या में लोगों की मौत हो रही है। हालांकि कोरोना वैक्सीन ( Corona Vaccine ) के आने और दुनिया के कई देशों में टीकाकरण अभियान की शुरुआत होने से इससे बचाव की उम्मीदें काफी बढ़ गई है।
लेकिन इसके बावजूद दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए स्ट्रेन ( Corona New Strain ) सामने आने और मौजूदा वैक्सीन के इसपर कारगर साबित नहीं होने की बात को लेकर चिंताएं भी बढ़ गई है। ब्रिटेन में पाए गए कोरोना के न्यू स्ट्रेन को सबसे अधिक खतरानाक माना जा रहा है। इस स्ट्रेन के कारण ब्रिटेन में अचानक से संक्रमितों की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है।
हालांकि, वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों ने ये दावा किया है कि कोरोना के न्यू स्ट्रेन पर भी यह वैक्सीन कारगर साबित होगा। बुधवार को कोवैक्सीन ( Covaxin ) बनाने वाली भारतीय कंपनी भारत बायोटेक ( Bharat BioTech ) ने एक सूचना जारी किया है, जिसमें उन्होंने ये बताया है कि मौजूदा वैक्सीन कोरोना वायरस के एक विशेष परिवर्तन के खिलाफ भी कारगर है।
UK स्ट्रेन के खिलाफ असरदार है 'कोवैक्सीन'
बुधवार को भारत बायोटेक ने वैक्सीन से जुड़ी एक समीक्षा रिपोर्ट पेश की। ‘BioRxiv’ द्वारा प्रकाशन पूर्व समीक्षा रिपोर्ट में 'कोवैक्सी' टीके के बारे में बताया गया है। न्यूयॉर्क में एक गैर लाभकारी अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थान कोल्ड स्प्रिंग हॉर्बर लेबोरेटरी द्वारा इसे संचालित किया जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन लेने वाले 26 प्रतिभागियों से संग्रहित रक्त पर रिडक्शन न्यूट्रलाइजेशन टेस्ट (PRNT 50) किया। इसमें ब्रिटेन में मिले वायरस के नए स्वरूप और अन्य स्ट्रेन के विरुद्ध इसके कारगर रहने की जांच की गई। ‘बायोआरएक्सिव्स’ की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन के वायरस और हेट्रोलोगस स्ट्रेन के खिलाफ यह समान रूप से असरदार है।
भारत बायोटेक ने एक ट्वीट करते हुए ये बताया है कि Covaxin प्रभावी रूप से Sars-CoV2 के UK वेरिएंट को बेअसर करता है। उत्परिवर्ती वायरस से बचाव को मजबूत करता है। कुछ दिनों पहले मशहूर साइंस जर्नल लैंसेट में प्रकाशित एक रिसर्च में बताया गया था कि ये वैक्सीन पहले फेज के ट्रायल में कोरोना के खिलाफ एंटी बॉडीज क्रिएट करती दिखी। साथ ही इसका कोई मेजर साइड इफेक्ट भी नहीं दिखाई दिया।
बता दें कि कोवैक्सीन पूर्ण रूप से स्वदेशी टीका है, जिसे भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) के साथ तालमेल से तैयार किया है।
भारत के लिए कितना है अहम?
आपको बता दें कि कोवैक्सीन का कोरोना के न्यू स्ट्रेन के खिलाफ कारगर साबित होना भारत के लिए कई मायनों में काफी अहम है। चूंकि, विशेषज्ञों ने ये पाया है कि ब्रिटेन में पाया गया कोरोना का न्यू स्ट्रेन 70 प्रतिशत अधिक तेजी के साथ संक्रमित करता है।
ऐसे में काफी तेजी के साथ संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है। भारत में भी ब्रिटेन में पाए गए कोरोना स्ट्रेन के कई केस सामने आए हैं। अब यदि ये वायरस व्यापक तौर पर फैलता है तो भारत के अधिक से अधिक आबादी को अपनी चपेट में ले सकता है, जिसके कारण हालात असामान्य हो सकते हैं। फिलहाल, भारत ने तमाम कोशिशों के बावजूद कोरोना पर काफी हद का काबू पाने में सफलता पाई है।
16 जनवरी को भारत ने दो स्वदेशी वैक्सीन (कोविशील्ड और कोवैक्सीन) को मंजूरी दी थी, जिसके बाद से देशभर में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। अभी विदेशों को कोविशील्ड का निर्यात किया जा रहा है। अब यदि कोवैक्सीन के परिणाम और भी अधिक सकारात्मक आने के बाद तेजी के साथ वैक्सीनेशन अभियान को बढ़ाया जा सकेगा।
Updated on:
27 Jan 2021 08:28 pm
Published on:
27 Jan 2021 07:27 pm
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